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केजरीवाल के विधायक ने जल बोर्ड पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोप

दिल्ली की आम आदमी पार्टी से उन्हें के नेताओं की नाराजगी कोई नई बात नहीं है. इससे पहले भी पार्टी के संस्थापक सदस्यों समेत वरिष्ठ नेता पार्टी का दामन छोड़ बगावत कर चुके हैं.

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AAP विधायक संदीप कुमार (फाइल फोटो)
AAP विधायक संदीप कुमार (फाइल फोटो)

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सरकार के पूर्व मंत्री और सुल्तानपुर से मौजूदा विधायक संदीप कुमार ने अपनी ही सरकार पर निशाना साधा है. संदीप कुमार ने आरोप लगाया है कि उनकी सरकार में जल बोर्ड विभाग इस वक़्त ज़बरदस्त भ्रष्टाचार चल रहा है.

संदीप कुमार की माने तो बीते दिनों ऑटोमेटिक सीवर सफाई के लिए 200 मशीनों का जो टेंडर निकाला है उस टेंडर प्रक्रिया में ज़बरदस्त भ्रष्टाचार हुआ है. जल बोर्ड में सीवर की मैकेनिकल क्लीनिंग के लिए सीवर सफाई कर्मी और उनके परिवार के लोगों को 200 मशीनें दी जानी थी. संदीप कुमार ने जल बोर्ड की टेंडरिंग प्रक्रिया में अनियमितता के आरोप लगाए हैं.

केजरीवाल का ग़ुलाम नहीं: संदीप

आम आदमी पार्टी के विधायक संदीप कुमार ने दिल्ली के प्रेस क्लब में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके जल बोर्ड पर गंभीर आरोप लगाए हैं. जब संदीप कुमार से सवाल किया गया कि प्रेस कॉन्फ़्रेन्स से पार्टी और पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल नाराज़ हो सकते हैं तो संदीप ने पलटकर जवाब दिया कि वो केजरीवाल के ग़ुलाम नहीं हैं और अपने समाज की बात करने के लिए किसी से पूछने की आवश्यकता नहीं समझते हैं.

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AAP ने दलितों को ठगा: संदीप

संदीप कुमार ने आम आदमी पार्टी समेत सभी दलों पर हमला करते हुए कहा कि पार्टियों ने दलितों को ठगा है, जब उनसे पूछा गया कि आम आदमी पार्टी की सरकार में उन्हें भी मंत्री बनाया गया था, तो उन्होंने कहा कि ये महज़ दिखाने के लिए किया गया था और आम आदमी पार्टी भी दूसरे सभी दलों की तरह दलितों को केवल वोट बैंक के तौर पर इस्तेमाल करती है.

विधानसभा से निकाला था बाहर

बीते दिनों दिल्ली के विधानसभा सत्र में जब AAP विधायक संदीप कुमार ने जल बोर्ड को भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाना चाहा तो उन्हें विधानसभा की कार्यवाही का उल्लंघन करने के जुर्म में मार्शल के ज़रिये सदन से बाहर निकलवा दिया गया था. यह दावा संदीप कुमार ने एक बार फिर से प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया.

संदीप ने कहा कि अगर आने वाले दिनों में पार्टी ने उनकी बात नहीं मानी तो वो अपनी पार्टी के ख़िलाफ़ ही अपने समाज के साथ सड़क पर उतरने के बाध्य हो सकते हैं.

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