आम आदमी पार्टी रामजस कॉलेज और गुरमेहर को सोशल मीडिया पर मिली धमकियों के मुद्दे को दिल्ली विधानसभा में उठा सकती है. मंगलवार दोपहर 2 बजे विधानसभा में एलजी के भाषण पर चर्चा के बाद 'आप' विधायक अल्का लाम्बा, सरिता सिंह, वंदना कुमारी, भावना गौड़ ने स्पीकर से चर्चा के लिए वक़्त की मांग की है.
आम आदमी पार्टी के मुताबिक रामजस कॉलेज के एक सेमिनार में जिस तरह छात्रों को अपनी बात रखने से रोका गया और दिल्ली विश्विद्यालय में हिंसा का माहौल पैदा किया जा रहा है उससे कई सवाल खड़े होते हैं. AAP महिला विधायक यह सवाल रखेंगी कि क्या केंद्र सरकार ने इससे कोई सबक लिया है ताकि आगे इस तरह की घटना दोहराई न जाए?
चांदनी चौक से विधायक अल्का लाम्बा ने बताया, 'रामजस में हिंसा और गुरमेहर के मसले पर हमने दिल्ली पुलिस कमिश्नर से वक़्त मांगा, लेकिन उन्होंने हमारी शिकायत तक नहीं सुनी. इसलिए हमने शिकायत के तौर पर अपनी मांगें पुलिस कमिश्नर के दफ्तर को सौंप दी थी. इससे पहले गुरमेहर की एक क्लिपिंग जहां वो पाकिस्तान के साथ युद्ध न करने की बात कह रही हैं, उस वीडियो को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया था. हम स्पीकर के सामने मांग रख सकते हैं कि गुरमेहर के पूरे वीडियो को विधानसभा में दिखाया जाए.'
सीमापुरी से विधायक राजेंद्र गौतम भी इस चर्चा का हिस्सा बन सकते हैं. राजेंद्र गौतम के मुताबिक 'बीजेपी की सरकार जबसे केंद्र में आई है, तबसे शिक्षण संस्थानों में अभिव्यक्ति की आज़ादी पर संकट आ गया है. हर जगह ABVP राजनीतिक तौर पर आज़ादी पर हमला कर रही है. रामजस मुद्दे में जिस तरह दिल्ली पुलिस ने लाठी चार्ज किया उस पर सवाल उठते हैं. ABVP के लोगों ने छात्रों और प्रोफेसर्स को पुलिस के सामने पीटा, लेकिन पुलिस ने रोका नहीं, जबकि पुलिस का काम लॉ ऐंड ऑर्डर दुरुस्त करना है न कि राजनीतिक टूल बनना.'
फ़िलहाल आम आदमी पार्टी इन तमाम मुद्दों को लेकर विधानसभा में प्रस्ताव रख सकती है कि विश्वविद्यालयों में हिंसा के मौहाल पर रोक लगनी चाहिए और राजनीतिक रूप से पुलिस का इस्तेमाल बंद होना चाहिये. इसके अलावा गुरमेहर को सोशल मीडिया में मिली रेप की धमकी भी विधानसभा में चर्चा का विषय बना सकती है. 'आप' विधायकों के मुताबिक इस मामले में साइबर क्राइम के पास सबूत होने के बावजूद कार्रवाई नहीं की जा रही है, जबकि गुरमेहर के मामले में उदाहरण सेट करने की ज़रूरत है.