आम आदमी पार्टी सरकार में 21 विधायकों की संसदीय सचिव के तौर पर नियुक्ति को लेकर बुधवार को चुनाव आयोग में सुनवाई हुई. बुधवार की दोपहर कई विधायक ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में अपने-अपने वकील के साथ अपना पक्ष रखने पहुंचे.
सुनवाई के लिए कई पन्नों की फाइल लेकर चुनाव आयोग के दफ्तर पहुंचे सभी विधायकों ने आयोग के सामने एक आवेदन भी रखा. आवेदन के जरिए आम आदमी पार्टी के विधायकों ने मांग की है कि 28 दिसंबर 2015 की जिस याचिका को सीधे तौर पर चुनाव आयोग में दाखिल किया गया है वो गलत है, इसलिए उसमें विधायकों को अपनी बात रखने और बहस करने का मौका मिले. मामले पर चुनाव आयोग में अब अगली सुनवाई 19 अगस्त को होगी.
नजफगढ़ से विधायक और दिल्ली सरकार में संसदीय सचिव कैलाश गहलोत ने चुनाव आयोग से 19 अगस्त की तारीख मिलने पर कहा कि कमीशन ने एक हफ्ते का टाइम और दिया है. हमने चैलेंज दिया है कि राष्ट्रपति के आदेश पर चुनाव आयोग फैसला नहीं दे सकता है.
अगली तारीख पर अब ये बहस होगी की चुनाव आयोग सुनवाई कर भी सकता है या नहीं. फिलहाल चुनाव आयोग भी अपनी तरफ से आम आदमी पार्टी के विधायकों को बात रखने का पूरा मौका देना चाहता है, इसलिए किसी तरह के फैसले पर पहुंचने से पहले सभी पक्षों को सुना जा रहा है.