दिल्ली विधानसभा में शराब नीति पर चर्चा हुई, तो बात सियासत तक आ गई. उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली सरकार का शराब को बढ़ावा देने के आरोपों से बचाव किया, साथ ही ये भी कह दिया कि वो एक्साइज विभाग के जरिए अब ये भी पता करवाएंगे कि कितने नेता शराब का ठेका चलाते हैं और कितने नेताओं की दुकानों में शराब की सरकारी दुकानें खुली हुई हैं.
'बीजेपी के नेता चला रहे शराब की दुकानें'
सिसोदिया साथ में यह सफाई देना भी नहीं भूले कि उनके विधायक या नेता इस तरह के धंधे में नहीं है कि वो शराब का कारोबार करें. इसीलिए उन्हें इस तरह की जांच या सूची से डरने की जरूरत नहीं है. उनका इशारा बीजेपी नेताओं की तरफ था, क्योंकि इसके पहले आप विधायक सरिता सिंह ने शराब नीति पर चर्चा के दौरान ये कहा था कि दिल्ली सरकार तो शराब की बिक्री कम करने के लिए काम कर रही है, लेकिन बीजेपी के कई नेता शराब की दुकानें चला रहे हैं.
AAP सरकार में 58 नई दुकानें खुलीं
इसके पहले विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने आरोप लगाया था कि दिल्ली सरकार पंजाब में तो नशे के विरोध में है और उसे चुनावी मुद्दा बना रही है, जबकि दिल्ली में उसके कार्यकाल में शराब दुकानों की संख्या लगातार बढ़ रही है. विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली सरकार के एक आरटीआई में दिए गए जवाब का हवाला देकर बताया कि जब से केजरीवाल मुख्यमंत्री बने हैं, तब से दिल्ली में शराब की 58 नई दुकानें खुल गई हैं. साथ ही पब और बार को भी सैंकड़ों की संख्या में लाइसेंस जारी किए गए हैं.
शराब की ब्रिकी बढ़ाने के पक्ष में नहीं सरकार
विधानसभा में छिड़ी चर्चा में कहा गया कि सरकार शराब की बिक्री बढ़ाने के लिए शराबियों के लिए नई-नई सुविधाएं और सस्ती शराब मुहैया करा रही है. इसके जवाब में सरकार की तरफ से कहा गया कि सिर्फ छह दुकानें खोलने से शराब की बिक्री बढ़ जाएगी, ऐसा कहना गलत है. सरकार शराब की बिक्री बढ़ाने के पक्ष में नहीं है.