आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा के सरकारी बंगले का आवंटन रद्द किए जाने के मामले में सोमवार को पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट में राज्यसभा सचिवालय ने सीपीसी के ऑर्डर 7 रूल 11 की अर्जी दाखिल कर राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा का सूट रद्द करने की गुहार लगाई.
पटियाला हाउस कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि कोर्ट में दाखिल सभी अर्जियों में मुद्दे एक समान हैं. कोर्ट में राज्यसभा सचिवालय के वकील ने कहा राघव चड्डा मामले में मीडिया बयान जारी कर रहे हैं. इस पर अदालत ने कहा इसमें कोर्ट कुछ नहीं कर सकता है. हालांकि राघव चड्ढा के वकील ने राज्यसभा सचिवालय के वकील की इस दलील का विरोध किया.
राज्यसभा सचिवालय के वकील ने इस मामले में कोर्ट में अपना जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा. कोर्ट ने राज्यसभा सचिवालय के वकील को 3 हफ्ते में जवाब दाखिल करने का समय दिया है. मामले की अगली सुनवाई 10 अगस्त को होगी.
क्या है पूरा मामला
बता दें कि राघव चड्ढा ने पटियाला हाउस कोर्ट में अर्जी दाखिल की है. कोर्ट में दाखिल याचिका में तर्क दिया गया है कि उनको आवंटित आवास को मनमाने ढंग से रद्द कर दिया गया. अथॉरिटी ने बिना कोई कारण और औचित्य बताए आवास आवंटन रद्द किया. AAP सांसद राघव चड्ढा ने बतौर सांसद उन्हें टाइप 7 बंगला आवंटन रद्द करने वाले पत्र के खिलाफ पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दायर की है.
क्यों रद्द किया गया बंगले का आवंटन?
पहली बार सांसद बने जन प्रतिनिधियों के लिए सरकारी आवास का आवंटन टाइप-V दर्जे में होता है. इसी टाइप के आवास का पात्र होने के चलते राघव चड्ढा को पहले अस्थाई तौर पर आवंटित टाइप 7 का बंगला रद्द कर दिया गया था. इससे पहले सांसद चड्ढा ने एक प्रतिवेदन राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के पास भेजा था. राज्यसभा सांसद के रूप में राघव चड्ढा का कार्यकाल अभी 5 साल से अधिक बचा है.
राज्यसभा सचिवालय ने पहली बार राज्यसभा सांसद बने राघव चड्ढा को सबसे पहले नई दिल्ली में एक टाइप-VII बंगला आवंटित किया गया था जो आमतौर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री, राज्यपाल या मुख्यमंत्री को दिया जाता है. इसके बाद उन्हें दूसरा नया बंगला उनकी सांसद कैटेगरी के अनुसार टाइप-VI राज्यसभा सचिवालय की हाउस कमेटी ने आवंटित किया था, जिसमें रेनोवेशन कराने के बाद से वह अपने परिवार के साथ रह रहे थे, लेकिन अब उनके सरकारी आवास का आवंटन टाइप-V का पात्र होने के चलते एक बार फिर से रद्द कर दिया गया.