आपदा की इस घड़ी में दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने एक बड़ा अवसर निकाल लिया है. पार्टी के कार्यकर्ता देश के उन संभावित राज्यों में जहां आम आदमी पार्टी को अवसर दिखाई पड़ रहा है, वहां ऑक्सीमीटर के जरिए एक नए तरीके का जनसंवाद शुरू कर रहे हैं. ऑक्सीमीटर के जरिए शरीर में ऑक्सीजन का लेवल जांचा जा सकता है. दिल्ली में कोरोना वायरस का संक्रमण जब बढ़ा तो केजरीवाल की सरकार ने घर-घर ऑक्सीमीटर बंटवा दिए. उसके नतीजों ने पार्टी को एक नया आइडिया दे दिया जो अब सरकार से निकलकर संगठन तक जा पहुंचा है. और इसी के साथ शुरू हो गया है अरविंद केजरीवाल मिशन 2022.
आम आदमी पार्टी की नजर पंजाब, गोवा, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश पर है. 2022 में इन राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने हैं. पहले भी आम आदमी पार्टी अपनी किस्मत आजमा चुकी है लेकिन उसे सफलता कुछ हद तक सिर्फ पंजाब में मिली. लेकिन दिल्ली में ही नगर निगम चुनाव से वह हाथ धो बैठी. बाकी राज्यों में संगठन दिल्ली की इस नई पार्टी के लिए सबसे बड़ी कमजोरी थी. लेकिन अब मिशन 2022 के लिए उन कमियों को दूर करने की तैयारी हो रही है.
संगठन विस्तार
आम पार्टी ने कई राज्यों में संगठन में भी बड़े बदलाव किए हैं. जहां पंजाब में संगठन की पूरी इकाई को ही हटाकर नई टीम बनाई जा रही है तो वहीं पार्टी के विधायकों और दूसरे नेताओं को अलग-अलग राज्य में इंचार्ज बना कर भेजा गया है. उदाहरण के तौर पर तिलक नगर से आम आदमी पार्टी के विधायक जरनैल सिंह को पंजाब का प्रभार दिया गया है तो वही पार्टी के सांसद और वरिष्ठ नेता संजय सिंह को उत्तर प्रदेश का प्रभारी नियुक्त किया गया है. आम आदमी पार्टी विधायक दिनेश मोहनिया को उत्तराखंड भेजा गया है तो कपिल भार्गव और आतिशी को गोवा का इंचार्ज बनाया गया है. अरविंद केजरीवाल लगातार इन नेताओं के साथ बैठकें कर रहे हैं.
ऑक्सीमीटर पॉलिटिक्स
अपने जन्मदिन के अवसर पर इन तमाम राज्यों के कार्यकर्ताओं और पार्टी के इंचार्ज से डिजिटल संवाद में आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपील की है कि वे देश में घर-घर जाकर लोगों के ऑक्सीजन लेवल की जांच करें जिससे कोरोना वायरस से हो रही मौतों को कम किया जा सके. केजरीवाल ने पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं से को नसीहत दी है कि वे हर गांव, शहर में बूथ लगाएं और आम आदमी पार्टी ऑक्सीजन जांच केंद्र बनाएं.
पार्टी के पदाधिकारियों से यह भी कहा गया है कि जहां पार्टी का संगठन नहीं है, उस गांव में एक व्यक्ति की तलाश है जो अपने गांव में ऑक्सीजन जांच केंद्र बनवाए और उसे आक्सी मित्र कहा जाएगा. इतना ही नहीं पार्टी कार्यकर्ताओं को निर्देश दिए गए हैं कि वह लोगों से उचित दूरी रखकर मुलाकात करें, सैनिटाइजर से हाथ धोएं और धुलवाएं और वाट्सऐप ग्रुप बनाकर वायरस के खिलाफ जागरूकता फैलाएं.
अरविंद केजरीवाल ने पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक में खुद कहा, "देश के हर गांव और बूथ के अंदर आम आदमी पार्टी की यह गतिविधि चलती है, तो लोगों में एक अच्छा संदेश जाएगा कि एक ऐसी पार्टी है, जो लोगों की सेवा करती है और लोगों के सुख-दुख में काम आती है. इस प्रक्रिया के जरिए हम देश के कोने-कोने में आम आदमी पार्टी का संगठन खड़ा कर सकते हैं.''
75 जिलों में ऑक्सीमीटर कैंपेन शुरू
उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में आदमी पार्टी ऑक्सीमीटर कैंपेन चला रही है जिसके तहत पार्टी के कार्यकर्ता गांव-गांव जाकर ऑक्सीमीटर लेकर लोगों का ऑक्सीजन लेवल नाप रहे हैं. इस नए तरीके से सीधे-सीधे पार्टी को जनसंवाद का मौका मिल रहा है. उत्तर प्रदेश में आम आदमी पार्टी के इंचार्ज और पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने 'आजतक' से बातचीत करते हुए कहा, "हम शुरुआत उत्तर प्रदेश में होने वाले पंचायत चुनाव से करेंगे जहां शिक्षा, बिजली की कीमतें, बेरोजगारी, किसानों के मुद्दे, कोरोना वायरस और प्रदेश में अपराध के मुद्दे पर जनता के बीच जाएंगे."
ऑक्सीमीटर के जरिए पार्टी की चुनावी रणनीति को लेकर संजय सिंह ने कहा कि कार्यकर्ता तमाम गांव में ऑक्सीमीटर लेकर लोगों का ऑक्सीजन लेवल नाप रहे हैं जिससे लोगों के साथ संवाद का भी मौका मिल रहा है. अब तक हम 75 जिलों में पहुंच बना चुके हैं. उत्तर प्रदेश में आम आदमी पार्टी बीजेपी सरकार पर बेहद आक्रामक हो गई है.
दिल्ली-उत्तराखंड में तेज हुआ काम
उत्तराखंड में पार्टी का प्रभार देख रहे आप विधायक दिनेश मोहनिया का कहना है कि जल्दी ही राज्य के सभी बूथों तक ऑक्सीमीटर के जरिए पार्टी कार्यकर्ता संवाद स्थापित करेंगे. दिनेश मोहनिया का कहना है कि वह उत्तराखंड में 10000 बूथों में से अब तक 5000 बूथों तक अपनी पहुंच बना चुके हैं और आगे संगठन की मजबूती का काम लगातार जारी है. वहीं 2022 में ही दिल्ली के नगर निगम चुनाव भी होने हैं और इस बार पार्टी पिछली हार से सबक लेते हुए नई रणनीति के तहत पार्टी काम कर रही है. स्थानी मुद्दों पर जहां वह बीजेपी पर हमलावर है तो वहीं ऑक्सीमीटर के जरिए घर-घर पहुंच भी बना रही है.
लोगों की मदद के साथ-साथ जनसंवाद का यह तरीका कोरोना के संक्रमण काल में काफी नया है और अनूठा है. लोगों की मदद के साथ साथ पार्टी को जनसंवाद करने और लोगों तक पहुंचने में मदद भी मिल रही है. जाहिर है अभी विधानसभा चुनाव में लंबा समय बाकी है और राजनीति में कई बार ऐन वक्त पर माहौल बदल जाता है. लेकिन कुछ काम आता है तो वह है संगठन और रणनीति. अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी अब ऑक्सीमीटर पॉलिटिक्स के जरिए न सिर्फ संगठन विस्तार में जुट गई है बल्कि अपने लक्ष्य की ओर नई रणनीति से आगे बढ़ रही है.