आम आदमी पार्टी के बागी गुट ने मंगलवार को गुड़गांव में स्वराज संवाद बैठक की. योगेंद्र-प्रशांत ने इस दौरान नई पार्टी की घोषणा तो नहीं की, लेकिन स्पष्ट संकेत दिए कि वह पार्टी नेतृत्व से उलट एक नई राह पर आगे बढ़ेंगे, वहीं नेताओं के बागी तेवर पर अब कार्रवाई की गाज गिर सकती है. सूत्रों की मानें तो इस बाबत बुधवार को AAP की पीएसी की बैठक बुलाई जा सकती है.
जानकारी के मुताबिक, पार्टी नेतृत्व स्वराज संवाद बैठक से खासा नाराज है और इसे पार्टी तोड़ने की शुरुआत के तौर पर देखा जा रहा है. पीएसी की बैठक में योगेंद्र यादव, प्रशांत भूषण, प्रो. आनंद कुमार समेत कई अन्य नेताओं पर भी कार्रवाई की जा सकती है. स्वराज संवाद बैठक में मंगलवार को बड़ी संख्या में नेता और कार्यकर्ता भी शामिल हुए थे.
पार्टी के वरिष्ठ नेता आशुतोष ने स्वराज संवाद बैठक पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'आज जो कुछ हुआ, उससे साफ है कि वो लोगा पार्टी तोड़ना चाहते हैं. हम जल्द ही आपको पार्टी के निर्णय के बारे में बताएंगे.'
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने कहा कि आम आदमी पार्टी की नींव स्टिंग ऑपरेशन पर रखी गई थी. ऐसे में उन्हें पार्टी के अंदर के घमासान और अब दो फाड़ होने पर कोई आश्चर्य नहीं हो रहा है.
बैठक में वोटिंग का नतीजा
दूसरी ओर, गुड़गांव में हुए बागी गुट की बैठक का नतीजा भी देर शाम जारी किया गया. नजीतों के मुताबिक, वहां मौजूद 1.4 फीसदी लोगों ने कहा कि योगेंद्र-प्रशांत को नेतृत्व पर भरोसा करना चाहिए. 25.45 फीसदी ने कहा कि दोनों को पार्टी छोड़ देना चाहिए और नई पार्टी की घोषणा करनी चाहिए. जबकि 69.68 फीसदी लोगों ने कहा कि जब तक संभव हो स्वराज के लिए संघर्ष करते रहना चाहिए और इसके लिए अभियान चलाना चाहिए. वोटिंग में 3.4 फीसदी लोगों ने यह भी कहा कि उन्हें नहीं पता आगे क्या रणनीति होनी चाहिए.