राष्ट्रपति चुनाव के मद्देनजर पक्ष और विपक्षी दलों में मंथन का दौर जारी है. विपक्ष की तमाम पार्टियां एकजुट होकर राष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवार पर सहमति बनाने की कोशिश में लगी हैं. वहीं बीजेपी ने अपनी कमेटी बनाकर सहयोगी और विपक्षी दलों से राष्ट्रपति चुनाव के लिए समर्थन मांगने की योजना बनाई है. इस बीच विपक्षी खेमे ने आम आदमी पार्टी को अब तक किसी भी मीटिंग में नहीं बुलाया है.
विपक्ष के इस रुख पर आम आदमी पार्टी ने भी स्पष्ट कर दिया है कि उन्हें कोई दरकिनार नहीं कर सकता. पार्टी प्रवक्ता आशुतोष ने कहा, "जहां तक राष्ट्रपति चुनाव को लेकर मीटिंग में न बुलाने की बात है, तो हम कैसे किसी को कह सकते हैं कि आप हमें बुलाएं या नहीं बुलाएं. मीटिंग उन्होंने बुलाई है, यह उनका विशेषाधिकार है और उस पर टिप्पणी करना ठीक नहीं है."
मीटिंग में न बुलाए जाने के सवाल को भले ही आशुतोष ने विशेषाधिकार का हवाला देकर टाल दिया हो, मगर वो अपना वजूद गिनाना भी नहीं भूले. उन्होंने कहा, '' दिल्ली के अंदर हमारी सरकार है. कुल 70 में से 67 विधायक हमारे साथ हैं. पंजाब में हम प्रमुख विपक्षी दल हैं और हमारे पास 20 विधायक हैं. साथ ही हमारे चार लोकसभा सांसद हैं.''
आशुतोष ने कहा कि BJP और कांग्रेस के बाद आम आदमी पार्टी तीसरी सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर है. इसलिए
हमारी पार्टी को कोई दरकिनार नहीं कर सकता. हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि उनकी पार्टी के अंदर राष्ट्रपति चुनाव को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई.
समर्थन पर रुख साफ नहीं
राष्ट्रपति चुनाव में आम आदमी पार्टी किसे समर्थन देगी, इस पर अभी तक उसका रुख साफ नहीं है. हालांकि, पार्टी का मानना है कि राष्ट्रपति पद की गरिमा रखने वाले चेहरे को तवज्जो दी जाएगी. आशुतोष ने कहा कि जिस शख्स के प्रति पूरे देश में आस्था होगी, उसके बार में पार्टी विचार करेगी. एनडीए उम्मीदवार के समर्थन पर आशुतोष ने कहा कि, "सवाल एनडीए के उम्मीदवार का नहीं है, यह सैद्धांतिक सवाल है.''