गाजीपुर लैंडफिल साइट हादसे के चार दिन बाद ही ईस्ट एमसीडी ने एक बार फिर से इसी लैंडफिल साइट पर कूड़ा फेंकना शुरू कर दिया है. पूर्वी दिल्ली के अलग-अलग इलाकों से मंगलवार को गाजीपुर लैंडफिल साइट पर कूड़े के ट्रक पहुंचने शुरू हो गए.
बताया जा रहा है कि सोमवार देर शाम को निगम अधिकारियों ने लैंडफिल साइट का दौरा किया था और कूड़ा फेंकने के लिए जगह चिह्नित की थी. निगम के मुताबिक नई जगह हादसे वाली जगह से भले ही ज्यादा दूर नहीं है, लेकिन उसकी बनावट ऐसी है कि शुक्रवार जैसा हादसा यहां नहीं हो सकता.
इस बारे में जब पूर्वी दिल्ली की मेयर नीमा भगत से बात की गई तो उन्होंने बताया कि गाजीपुर में कूड़ा डालने पर एलजी अनिल बैजल को सूचित कर दिया गया है. मेयर ने बताया कि गाजीपुर में कूड़ा फेंकनाॊ अभी अस्थायी रूप से शुरू किया गया है जब तक कि नई साइट नहीं मिल जाती. मेयर के मुताबिक इस बात का खास ध्यान रखा जा रहा है कि गाजीपुर में ज्यादा मात्रा में कूड़ा ना डाला जाए. इसके लिए पूर्वी दिल्ली से निकलने वाले कूड़े में से 1300 मीट्रिक टन कूड़े को वेस्ट टू एनर्जी प्लांट में भेजा जा रहा है और लगभग 500 मीट्रिक टन कूड़े को ओखला वेस्ट टू एनर्जी प्लांट में भेजे जाने की योजना है. जिससे गाजीपुर में कम से कम कूड़ा पहुंचे. इसके अलावा मेयर ने साफ कर दिया कि नई साइट ना मिलने तक गाजीपुर में ही कूड़ा डलना जारी रहेगा.
AAP ने मनोज तिवारी के आवास पर किया प्रदर्शन
आम आदमी पार्टी ने गाज़ीपुर लैंडफिल साइट हादसे में हुई मौतों पर नाराज़गी जताते हुए मंगलवार को दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी के आवास पर प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन में आम आदमी पार्टी के विधायक, पार्षदों और कार्यकर्ताओं ने एमसीडी के खिलाफ जमकर नारेबाज़ी की. मनोज तिवारी के घर के पास पुलिस सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे. प्रदर्शन कर रहे आम आदमी पार्टी के पार्षदों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. हालांकि कुछ घंटों बाद उन्हें छोड़ दिया गया.
प्रदर्शन करने पहुंचे उत्तरी दिल्ली नगर निगम के नेता विपक्ष राकेश कुमार ने बताया कि इसी वर्ष हुए दिल्ली नगर निगम के चुनाव में बीजेपी के दिल्ली अध्यक्ष मनोज तिवारी ने जनता से यह वादा किया था कि एमसीडी में बीजेपी को वोट मिलता है, तो बीजेपी 100 दिन में दिल्ली को साफ करके दिखा देगी और कूड़े से संबंधित सभी परेशानियों को खत्म कर दिया जाएगा. लेकिन बीजेपी शासित एमसीडी की हकीकत गीजीपुर के इस हादसे ने बयां कर दी है.
उधर बीजेपी के खिलाफ नारे लगा रहे आम आदमी पार्टी के विधायक अनिल बाजपेयी से जब दिल्ली सरकार की ज़िम्मेदारी के बारे सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि दिल्ली में लैंड का अधिकार केंद्र शासित डीडीए के पास है और डीडीए को ही नई लैंडफिल साइट के लिए बीजेपी शासित एमसीडी को ज़मीन देनी है. दिल्ली सरकार का ना ज़मीन देने में कोई रोल है और ना ही ज़मीन लेकर लैंडफिल साइट बनाने में कोई रोल है. दोनों काम बीजेपी शासित एजेंसियों को करने हैं, लेकिन बावजूद इसके ये लोग नई लैंडफिल साइट नहीं बना पाए.
आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने प्रदर्शन के दौरान मनोज तिवारी के इस्तीफे की मांग भी की है. 'आप' नेताओं का आरोप है कि एमसीडी में पिछले दस साल से शासन कर रही बीजेपी ने पूरी दिल्ली को कूड़ेघर में तब्दील कर दिया है और निगम में अपनी ज़िम्मेदारियां निभाने में बीजेपी पूरी तरह से नाकाम साबित हुई है.