scorecardresearch
 

AAP के राज्यसभा उम्मीदवारों को बचाने में BJP ने की मदद: अजय माकन

माकन ने कहा कि यदि केन्द्रीय मुख्य चुनाव आयोग 22 दिसम्बर 2017 से पहले 20 विधायकों को आयोग्य ठहराने की अनुशंसा की होती तो आम आदमी पार्टी टूट जाती और केवल 50 प्रतिशत ही बच पाती जिसके कारण उनके तीनों राज्यसभा के उम्मीदवारों की उम्मीदवारी पर प्रश्नचिन्ह लग जाता.

Advertisement
X
अजय माकन
अजय माकन

Advertisement

कांग्रेस दिल्ली अध्यक्ष अजय माकन ने कहा कि 22 दिसम्बर 2017 से 19 जनवरी 2018 के बीच में भाजपा सरकार द्वारा मनोनीत चुनाव आयोग और आप पार्टी के बीच में क्या खिचड़ी पक रही थी? जबकि 22 दिसम्बर 2017 को चुनाव आयोग ने दिल्ली की 3 राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव की घोषणा कर दी थी और एक महीने बाद यानि 19 जनवरी 2018 को ही क्यों 20 विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने की अनुशंसा राष्ट्रपाति महोदय को की गई.

माकन ने कहा कि यदि केन्द्रीय मुख्य चुनाव आयोग 22 दिसम्बर 2017 से पहले 20 विधायकों को आयोग्य ठहराने की अनुशंसा की होती तो आम आदमी पार्टी टूट जाती और केवल 50 प्रतिशत ही बच पाती जिसके कारण उनके तीनों राज्यसभा के उम्मीदवारों की उम्मीदवारी पर प्रश्नचिन्ह लग जाता. माकन ने सरकारी नोटिफिकेशन का हवाला देते हुए दावा किया कि दिल्ली सरकार के 5 मार्च 2015 के नोटिफिकेशन से साफ जाहिर होता है कि 21 संसदीय सचिवों को सरकारी वाहन, मंत्रियां के कार्यालयों में कार्यालय की जगह दी जाएगी और 21 संसदीय सचिवों के फर्नीचर इत्यादि के लिए कुल 13,26,300 रुपये मंजूर हुए थे. जिसमें से इन संसदीय सचिवों को 21 कार्यकारी टेबल, 21 कार्यकारी कुर्सी और 136 विजिटर कुर्सी के लिए 11,75,828 रुपये खर्च किए गए थे.

Advertisement

अजय माकन ने पूछा कि मुख्य चुनाव आयोग और आम आदमी पार्टी में क्या समझौता हुआ था जिसके चलते चुनाव आयोग ने 20 विधायकों के लाभ के पद को लेकर चल रहे मामले में अपना निर्णय 22 दिसम्बर 2017 से पहले क्यों नही दिया. जब चुनाव आयोग ने दिल्ली की 3 राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव की घोषणा की थी. माकन ने पूछा कि 22 दिसम्बर 2017 से 19 जनवरी 2018 के बीच में भाजपा सरकार द्वारा मनोनीत चुनाव आयोग और आप पार्टी के बीच में क्या खिचड़ी पक रही थी?  माकन ने कहा कि चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी को एक महीने का समय इसलिए दिया था ताकि उनके तीन राज्यसभा के उम्मीदवारों के चुनाव आसानी से हो सके. क्योंकि उनके तीन उम्मीदवारों में से एक श्री एन.डी. गुप्ता भी थे जो कि केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के नजदीकी माने जाते है. माकन ने कहा कि यदि केन्द्रीय मुख्य चुनाव आयोग ने 22 दिसम्बर 2017 से पहले 20 विधायकों को अयोग्य ठहराने की अनुशंसा की होती तो आम आदमी पार्टी टूट जाती और केवल 50 प्रतिशत ही बच पाती जिसके कारण उनके तीनों राज्यसभा के उम्मीदवारों की उम्मीदवारी पर प्रश्नचिन्ह लग जाता. माकन ने कहा कि चुनाव आयोग ने भाजपा के कहने पर ही आप पार्टी के  20 विधायकों को लाभ के पद पर आयोग्य ठहराने के मामले को राज्यसभा चुनाव के बाद महामहिम राष्ट्रपति को भेजा ताकि राज्य सभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी को टूटने से बचाया जा सका.

Advertisement
Advertisement