scorecardresearch
 

जंतर-मंतर पर रैली कर केजरीवाल ने पूछा, 'चुनाव से क्यों भाग रही BJP-कांग्रेस'

आम आदमी पार्टी ने जंतर-मंतर में रैली करके दिल्ली में चुनाव की मांग बुलंद की. पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली की जनता महंगाई और अव्यवस्था से परेशान है और जल्द से जल्द चुनाव चाहती है.

Advertisement
X

आम आदमी पार्टी ने जंतर-मंतर में रैली करके दिल्ली में चुनाव की मांग बुलंद की. पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली की जनता महंगाई और अव्यवस्था से परेशान है और जल्द से जल्द चुनाव चाहती है.

Advertisement

केजरीवाल ने आरोप लगाया कि बीजेपी और कांग्रेस हार के डर से चुनाव से भाग रहे हैं. उन्होंने कहा कि 100 रुपये टमाटर खरीदने वाली महिलाएं, पुलिस की मनमानी से परेशान ऑटो वाले, ई-रिक्शा वाले, तीन गुना बिजली बिल भरने को मजबूर गरीब और पानी की व्यवस्था से परेशान आम लोग दिल्ली में चुनाव चाहते हैं.

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पूर्ववर्ती AAP सरकार की जमकर तारीफ की. अपने 49 दिन का कार्यकाल याद दिलाते हुए केजरीवाल ने कहा, 'अब लोगों को वह दौर याद आता है जब पुलिस वालों ने रिश्वत लेनी बंद कर दी थी. जब बिजली बिल कम हो गए थे, पानी के टैंकर माफियाओं की चलनी बंद हो गई थी और बिजली कंपनियों का रवैया भी ठीक हो गया था.'

केजरीवाल ने मजाकिया लहजे में कहा, 'आम आदमी पार्टी चुनाव चाहती है. लेकिन हमें कोई जल्दी नहीं है चुनाव की. मैं अंदर की बात बता दूं आपको. जैसे-जैसे समय बीतता जा रहा है हमारी सीटें बढ़ती जा रही हैं. अभी चुनाव हुए तो हमारी 40 सीटें आ रही हैं. फरवरी में हुए तो 55 सीटें आ रही हैं. दिल्ली की जनता भी चुनाव चाहती है. जनता को तय करना है कि कांग्रेस बीजेपी के एमएलए की चलेगी कि जनता की चलेगी.'

Advertisement

पढ़िए केजरीवाल के भाषण के कुछ अंश, उन्हीं की जुबानी
बीजेपी वाले कहते हैं तो लेफ्टिनेंट गवर्नर साहब बैठते हैं. वह कहते हैं तो उठते हैं. बीजेपी और कांग्रेस दोनों चुनाव नहीं चाहते. कांग्रेस को डर है कि आज की तारीख में अगर चुनाव हो जाएं तो पता नहीं वो बचेंगे या नहीं.

दिल्ली की हर वह महिला जो सब्जी खऱीदना चाहती है, जिसे 100 रुपये किलो टमाटर और 40 रुपये किलो प्याज खरीदना पड़ता है तो वह चाहती है कि चुनाव हों. आजादपुर सब्जी के व्यापारी बताते हैं कि सब्जी कुछ पीछे से भी महंगी आ रही है लेकिन भ्रष्टाचार भी इतना है कि कीमतें बढ़ती जाती हैं. हर ट्रक वाला जगह-जगह पैसे देता है. रेहड़ी वाला पुलिस वालों को देता है. महंगाई इस वजह से हो रही है दोस्तों. आज लोगों को याद आते हैं वे दिन जब पुलिस वालों ने और चुंगी वालों ने पैसे लेने बंद कर दिए थे. हर महिला आज चुनाव चाहती है, इसीलिए आज इतनी सारी महिलाएं यहां आई हैं.

 ये देखिए ये एक महिला के बिजली के बिल की कॉपी हैं. ये महिला झुग्गी में रहती हैं. शीला दीक्षित के समय में इनका 1100 रुपये बिल आया था, आम आदमी पार्टी के समय इनका 376 रुपये बिल आया था और बीजेपी के समय 1110 रुपये बिल आया था. ये सारे आम लोग जिनके बिजली के बिल तीन गुने हो गए, ये चाहते हैं कि दिल्ली में चुनाव कराए जाएं. दिल्ली वालों को भरोसा है कि अगर कोई पार्टी अच्छी नीयत से काम कर सकती है तो वह आम आदमी पार्टी है.

Advertisement

बिजली कंपनियों को कौन ठीक कर सकता है. बीजेपी मिली हुई है बिजली कंपनियों के साथ. कांग्रेस 15 साल से मिली हुई थी. अगर आपको याद हो कि हमने सीएजी का ऑडिट के आदेश दिए. इन्होंने दिल्ली की बिजली काटने की धमकी दी थी. तब मैंने कहा था कि अगर तुमने बिजली काटी तो तुम्हें दिल्ली से भगा देंगे, दूसरी कंपनी को लाइसेंस दे देंगे. सात दिन के अंदर कंपनियां ठीक हो गई थीं.

30 मई को दिल्ली में भूचाल आया था. बिजली कट गई पूरी दिल्ली की. दस दिन बाद ऊर्जा मंत्री प्रेस कांफ्रेंस करके कहते हैं कि आंधी की वजह से खंभे गिर गए, अभी 10-15 दिन लगेंगे. एक तरफ तो बुलेट ट्रेन ला रहे हो और तुमसे 24 घंटे में खंभे नहीं लग रहे. दिल्ली चला रहे हो या धर्मशाला चला रहे हो.

 आम आदमी पार्टी की सरकार के समय टैंकर माफिया खत्म हो गए थे. आज 4-4 हजार में टैंकर बेच रहे हैं ये लोग. जिनको पानी नहीं मिल रहा, वे सारे लोग दिल्ली में चुनाव चाहते हैं. ऑटो वाले बताते हैं कि आम आदमी पार्टी की सरकार के समय कभी उनसे गलत तरीके से पैसे नहीं लिए गए. बताया जा रहा है कि पिछले छह महीने में चालान तीन गुने बढ़ गए हैं. क्या इन चालान से दिल्ली की ट्रैफिक व्यवस्था सुधर गई. सबसे ज्यादा ज्यादती ई-रिक्शा वालों के साथ की गई है. हाई कोर्ट ने बहुत पहले ही ई-रिक्शा की पॉलिसी बनाने की बात कही थी, लेकिन सरकार ने पॉलिसी नहीं बनाई. आखिर में कोर्ट को हारकर ई-रिक्शा बंद करने पड़े. कोर्ट का मकसद ई-रिक्शा बंद करना नहीं है, पॉलिसी बनवाना है.

Advertisement

ढाई लाख परिवार बेरोजगार हो गए. उनके बैंक अकाउंट में पैसे नहीं हैं कि आमदनी चली गई तो बैंक से पैसे निकाल कर काम चला लें. रोज कमाकर रोज खाने वाले लोग हैं.

Advertisement
Advertisement