आम आदमी पार्टी (AAP) ने असंतुष्ट नेताओं प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव को पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए शुक्रवार को कारण बताओ नोटिस भेजा. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए योगेंद्र यादव ने इसे एक मजाक बताया. उन्होंने फेसबुक पर एक पोस्ट 'A joke' लिखकर अपनी बात सामने रखी.
इस नोटिस के जरिए दोनों नेताओं को पार्टी ने निकालने की ओर अंतिम कदम बढ़ा लिया गया है. वहीं यादव ने इस कदम पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि यह प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के खिलाफ है. योगेंद्र यादव ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा- 'मैंने टीवी चैनलों पर देखा कि पार्टी नेताओं (जो अनुशासन समिति के सदस्य भी नहीं हैं) ने हमें कारण बताओ नोटिस भेजा है. मुझे लगता है यह एक मजाक है. बीती शाम मैंने मिस्टर दिनेश वघेला (अनुशासन समित के चीफ) से बात की थी उन्होंने कहा कि वो दिल्ली में नहीं हैं और उन्हें इस नोटिस के बारे में कोई जानकारी नहीं है. उन्होंने बताया कि उन्हें अभी तक भी इसकी कोई सूचना नहीं दी गई है.'
प्रशांत भूषण की पूरी FB पोस्ट-
A joke----------It is afternoon. TV channels quote a party leader (who is not a member of the Disciplinary Committee)...
Posted by Yogendra Yadav on Friday, April 17, 2015
अंसतुष्ट नेताओं द्वारा ‘स्वराज संवाद’ के आयोजन के बाद पार्टी ने उनके मामलों को राष्ट्रीय अनुशासन समिति को भेजा था. नोटिस भेजे जाने के कदम पर सवाल खड़ा करते हुए यादव ने कहा कि यह प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के खिलाफ है क्योंकि उनके खिलाफ आरोप लगाने वाले लोग अनुशासन समिति का हिस्सा हैं. देर शाम तक सिर्फ आनंद कुमार को ही AAP की ओर से जारी कारण बताओ नोटिस मिला.
सूत्रों ने कहा कि चारों नेताओं के खिलाफ मुख्य आरोप बीते 14 अप्रैल को स्वराज संवाद आयोजित करने का है जिसमें स्वयंसेवियों से नई पार्टी गठित करने के बारे में राय ली गई थी. सूत्रों ने कहा कि योगेंद्र यादव पर एक पत्रकार को सूचना लीक करने और पार्टी नेतृत्व की कथित तौर पर छवि खराब करने का आरोप लगाया गया है. नोटिस जारी किए जाने पर आनंद कुमार ने कहा, ‘मुझे स्पष्ट करने दीजिए कि यह पार्टी-निर्माण के बारे में अलग रुख का परिणाम है.’