आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ-साथ उनकी 'खांसी' और उनका 'मफलर' भी बहुत मशहूर हुआ है. गले में 'मफलर' लपेटे और 'खांसते-खांसते' अरविंद दिल्ली की गद्दी तक पहुंच गए. लेकिन 49 दिनों बाद जब उन्होंने इस्तीफा दिया तब लोगों ने उनके साथ साथ उनकी 'खांसी' और 'मफलर' का भी जबरदस्त मजाक उड़ाया.
लेकिन अरविंद केजरीवाल के उसी 'मफलर' और 'खांसी' को आम आदमी पार्टी इस बार हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रही है और लोगों का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश कर रही है. नतीजा ये है कि गुरुवार को सोशल नेटवर्किंग साइट 'ट्विटर' पर 'मफलरमैन' हैशटैग खूब ट्रेंड किया. इस कैंपेन के जरिए आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल को एक 'सुपरहीरो' के तौर पर प्रोजेक्ट कर रहे हैं.
ट्विटर पर ही जारी एक पोस्टर में अरविंद केजरीवाल की तुलना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की गई है. इसमें लोगों से पूछा गया है. 'आप किसको चुनेंगे, मफलरमैन को या ब्लफरमैन को.' इसी तरह के कई पोस्टर गुरुवार से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं.
हालांकि, पार्टी ने आधिकारिक तौर पर इस तरह के कैंपेन किए जाने से इंकार किया है. पार्टी का कहना है कि कई युवा कार्यकर्ता पार्टी से जुड़े हैं जो सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं, और ये काम उन्हीं का है. अब देखना ये है कि क्या इस बार ये 'मफलरमैन' आम आदमी पार्टी को दिल्ली की गद्दी दिला पाता है.