दिल्ली के रोहिणी समेत दूसरे इलाकों में फर्जी बाबा वीरेंद्र देव के आश्रम से नाबालिग लड़कियों को छुड़ाए जाने और जबरन यौन शौषण के खुलासे के बाद आम आदमी पार्टी ने बीजेपी पर बड़े आरोप लगाए हैं. 'आप' नेताओं का यह भी आरोप है कि दिल्ली पुलिस रिश्वत लेकर अपराधियों को संरक्षण देती है.
आध्यात्मिक विश्वविद्यालय के नाम पर लड़कियों से शोषण का मामला सामने आने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है. सीएम ने ट्वीट करते हुए लिखा 'उपराज्यपाल अनिल बैजल से अपील करता हूं कि व्यक्तिगत हस्तक्षेप कर आश्रम के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें और आश्रम से छुड़ाई गई लड़कियों की सुरक्षा का ध्यान भी रखा जाए.' सीएम केजरीवाल ने यह भी कहा है कि अगर इस मामले में किसी पुलिस वाले की तरफ से लापरवाही बरतने की बात सामने आती है, तो उस पुलिस वाले के खिलाफ भी सख्त एक्शन लिया जाए.
'अपराधियों को बचाते हैं BJP नेता'
आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता संजय सिंह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आरोप लगाते हुए कहा, ‘जिस तरह से वीरेंद्र देव जैसे ढोंगी बाबा के आध्यात्मिक विश्वविद्यालय का मामला सामने आया है. उससे साफ हो जाता है कि राजधानी दिल्ली में ना बच्चियां सुरक्षित हैं और ना ही महिलाएं, इस तरह के गोरखधंधे पुलिस के संरक्षण में फलते-फूलते हैं. दिल्ली के स्थानीय लोग अपने पड़ोस में चल रहे गलत कामों की शिकायत पुलिस को करते हैं, तो बीजेपी के नेता पुलिस पर दबाव बना कर उन गलत धंधे करने वाले लोगों को बचा लेते हैं और इसके बदले में लाखों रुपए उन धंधा करने वाले लोगों से ऐठ लेते हैं.'
"आध्यात्मिक विश्वविद्यालय के नाम पर महिलाओं और बच्चियों के शोषण का जो धंधा चल रहा था, उसे बिना किसी राजनीतिक संरक्षण और पुलिस की मिलीभगत के बिना चलाना संभव ही नहीं हो सकता है"
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— AAP (@AamAadmiParty) December 24, 2017
'लाखों-करोड़ों रुपए की उगाही'
आगे संजय सिंह ने कहा, ‘दिल्ली में कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी केंद्र में बैठी बीजेपी की सरकार के अधीन काम करने वाली दिल्ली पुलिस के पास है और भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने पुलिस को अपनी उगाही मशीन बना रखा है, जिसके माध्यम से दिल्ली में सभी गैर-कानूनी और गोरखधंधों को पनपने दिया जाता है और उसकी एवज में लाखों-करोड़ों रुपए की उगाही की जाती है.'
'अपराधियों से दिल्ली पुलिस की मिलीभगत'
पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता दिलीप पांडे ने आरोप लगाया है, ‘पहले नरेला की घटना हो या फिर अब रोहिणी समेत दिल्ली के दूसरे इलाकों में आध्यात्मिक विश्वविद्यालय जैसे गोरखधंधे का मामला हो, दोनों ही मामलों में दिल्ली पुलिस की अपराधियों से मिलीभगत की बू आती है. ऐसा हो ही नहीं सकता कि दिल्ली में इस तरह का गोरखधंधा चल रहा हो और दिल्ली पुलिस को इसका पता ना हो, क्योंकि बीट कॉन्स्टेबल और बीट ऑफिसर की नजर में उसके इलाके की एक-एक गली रहती है.'
'हर थाने के एसएचओ का रेट फिक्स'
आम आदमी पार्टी के मुताबिक दिल्ली के हर थाने के एसएचओ का रेट फिक्स है, जहां पहले 20 से 25 लाख रुपए में थाने की बोली लगती थी अब यह रेट 1 करोड़ से लेकर 3 करोड़ रुपए के बीच में पहुंच गया है. हर थाने के अंतर्गत उसके इलाके में सभी अवैध और हर तरह के गोरखधंधों और अपराधियों को पुलिस अपने संरक्षण में रखती है और उन्हें धंधा चलाने देती है.