आम आदमी पार्टी का भले ही बीजेपी के साथ कई मुद्दों पर मतभेद हो, लेकिन दिल्ली विधानसभा ने 28 मार्च को सदन में पेश किए जाने वाले राज्य सरकार के बजट पर विधायकों का मागदर्शन करने के लिए पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री और वरिष्ठ बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा को चुना है.
दिल्ली विधान सभा अध्यक्ष राम निवास गोयल ने बताया कि उन्होंने वित्त क्षेत्र में विशेषज्ञ सिन्हा सहित चार लोगों को आगामी राज्य बजट की प्रकिया पर विधायकों के ओरिएंटेशन कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया है.
गोयल ने कहा, ‘पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने 15 मार्च को विधान सभा परिसर में राज्य बजट पर विधायकों का मार्गदर्शन करने का हमारा आमंत्रण स्वीकार लिया है. सिन्हा बजट पर पूछे जाने वाले सवालों पर विधायकों का भी मार्गदर्शन करेंगे.’
28 मार्च को पेश होगा बजट
सिन्हा के अलावा दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और दिल्ली के वित्त सचिव को भी आमंत्रित किया गया है. गोयल ने बताया कि वित्त प्रभार संभालने वाले सिसोदिया विधायकों से संवाद करेंगे. दिल्ली सरकार 28 मार्च को अपना बजट पेश करने वाली है, जिस पर व्यापक सुझाव के लिए आम आदमी पार्टी का दिल्ली डायलॉग कमीशन (DDC) सिन्हा के संपर्क में है.
15 मार्च को होगी मुलाकात
सिन्हा मनीष सिसोदिया की अगुआई में वित्त विभाग के अधिकारियों और दिल्ली के विधायकों से 15 मार्च को मिल कर बजट की जटिलताओं पर चर्चा करेंगे. सिन्हा ने बताया कि विधानसभा सदस्यों से बजट बनाने की प्रक्रिया पर बात करने के लिए उन्होंने ने दिल्ली विधान सभा की ओर से दिए गए निमंत्रण को स्वीकार किया है.
सिन्हा को पाकिस्तान से बुलावा
सिन्हा ने कहा, 'मैं वित्त मंत्री रह चुका हूं, उन्हें लगता है कि मैं विधायकों को बजट की जटिलताओं के बारे में समझा सकता हूं.' यशवंत सिन्हा को इसी तरह का न्योता पाकिस्तान से भी मिला है, जिसके लिए उन्होंने हामी भर दी है.
बीजेपी से अलग पड़े सिन्हा
सार्वजनिक रूप से मोदी सरकार की नीतियों की आलोचना कर चुके सिन्हा को बीजेपी के मार्गदर्शक मंडल में भी जगह नहीं दी गई है, जिसमें अटल बिहारी वाजपेयी, लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी शामिल हैं. भारत के पूर्व वित्त मंत्री रहने के साथ-साथ सिन्हा अटल बिहारी वाजपेयी मंत्रिमंडल में विदेश मंत्री भी रह चुके हैं.
दिल्ली को केंद्र ने दिए 758 करोड़ रुपये
दिल्ली विधानसभा के सचिव प्रसन्न कुमार सूर्यदेवड़ा ने कहा कि विधायकों का सिन्हा से मिलकर बजट की पेचीदियों को समझना बेहतर होगा क्योंकि ज्यादातर विधायक पहली बार जीत कर दिल्ली सरकार में शामिल हुए हैं. केंद्र सरकार दिल्ली को बजट आवंटित कर चुकी है. साल 2016-17 के लिए दिल्ली को 758 करोड़ रुपये आवंटित किया गया है.