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AAP ने महिला विधायकों को साइडलाइन कर पार्टी प्रवक्ता को दी महिला विंग की कमान

हैरानी की बात है कि आम आदमी पार्टी में कई महिला विधायक होने के बावजूद पार्टी प्रवक्ता ऋचा पांडेय को महिला विंग की जिम्मेदारी दी गयी है. पार्टी में 6 महिला विधायक अलका लांबा, बंदना कुमारी, सरिता सिंह, प्रमिला टोकस, भावना गौड़ हैं.

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AAP की पार्टी प्रवक्ता ऋचा पांडेय
AAP की पार्टी प्रवक्ता ऋचा पांडेय

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दिल्ली में एमसीडी चुनाव की असफलता के बाद आम आदमी पार्टी ने संगठन में बड़े स्तर पर बदलाव करने का सिलसिला तेज कर दिया है. पार्टी नेताओं के मुताबिक दिल्ली की 70 विधानसभाओं और 272 वार्डों में पदाधिकारियों की नियुक्तियां पहले चरण में पूरी कर ली गई थीं. फिलहाल दिल्ली के महिला संगठन को री-लॉन्च किया गया है जहां पालम से विधायक भावना गौड़ को जिम्मेदारी से हटाकर अब पार्टी प्रवक्ता ऋचा पांडेय को महिला विंग की कमान सौंपी गई है.

दिल्ली संयोजक गोपाल राय के मुताबिक अगले तीन महीने में महिला संगठन को मजबूत करने के लिए 7 उपाध्यक्ष, 2 सचिव, 70 विधानसभा अध्यक्ष और  मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति की जाएगी. इसके अलावा अक्टूबर महीने में दिल्ली में AAP महिला संगठन का प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा. गोपाल राय का दावा है कि नया संगठन महिला सशक्तिकरण, महिला सुरक्षा और महिलाओं के बीच जागरुकता फैलाने का काम करेगा.

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हैरानी की बात है कि आम आदमी पार्टी में कई महिला विधायक होने के बावजूद पार्टी प्रवक्ता ऋचा पांडेय को महिला विंग की जिम्मेदारी दी गयी है. पार्टी में 6 महिला विधायक अलका लांबा, बंदना कुमारी, सरिता सिंह, प्रमिला टोकस, भावना गौड़ हैं. छठी विधायक राखी बिड़ला को दिल्ली विधानसभा में उपाध्यक्ष का पद दिया गया है. इसके अलावा दिल्ली सरकार में अबतक किसी भी महिला विधायक को मंत्री पद का जिम्मा ना देने पर भी, विरोधी दल आम आदमी पार्टी पर सवाल खड़े कर चुके हैं.

आपको बता दें कि संगठन में बदलाव के लिए आम आदमी पार्टी ने 'मेरा बूथ, सबसे मजबूत' कैम्पेन की शुरुआत की थी. पार्टी का दावा है कि हर बूथ पर तकरीबन 14 हजार में से 12 हजार क्षेत्रीय नेताओं की नियुक्ति कर ली गई है. इससे पहले पार्टी ने अपने कार्यकर्ताओं के लिए एक हेल्पलाइन नम्बर 8588833557 जारी किया था, जिसके तहत पार्टी का कोई भी कार्यकर्ता अपनी कोई समस्या या कोई सुझाव सीधे पार्टी की प्रदेश यूनिट तक पहुंचा सकता है.

एमसीडी चुनाव में हार झेलने के बाद अरविंद केजरीवाल ने सभी मंत्री और विधायक को रोज सुबह 10 से 11 बजे तक बिना अप्वाइंटमेंट के जनता की समस्या सुनने और उसे निपटाने का आदेश भी दिया था.

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