दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर बीजेपी और ‘मोदी लहर’ को ललकारा है. आम आदमी पार्टी के नेता ने ट्वीट करके कहा कि अब बीजेपी दिल्ली में चुनाव कराने का साहस दिखाए, वहीं दिल्ली बीजेपी का कहना है कि वो किसी भी वक्त चुनाव के लिए तैयार है.
Would BJP now have the courage to go for elections in Delhi?
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) October 20, 2014
हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन करने के एक दिन बाद दिल्ली बीजेपी इकाई ने सोमवार को कहा कि दिल्ली में राजनीतिक अस्थिरता जल्द समाप्त होनी चाहिए. प्रदेश बीजेपी ने कहा, वह तत्काल ताजा चुनाव का सामना करने के लिए ‘पूरी तरह’ तैयार है.
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने कहा कि पूरे देश में पार्टी का समर्थन बढ़ा है और वह शहर में कल भी चुनाव में जाने को तैयार हैं. उन्होंने कहा, ‘हम चुनाव में जाने को पूरी तरह से तैयार हैं. हम कल भी चुनाव का सामना कर सकते हैं. हमें पक्का विश्वास है कि यदि चुनाव होते हैं तो बीजेपी को स्पष्ट बहुमत मिलेगा.’ उन्होंने कहा कि एक निर्वाचित सरकार के नहीं होने के चलते दिल्ली में विकास कार्य काफी सीमा तक प्रभावित हुए हैं. दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार के इस्तीफे के बाद गत 17 फरवरी से ही राष्ट्रपति शासन है.
उपाध्याय ने कहा, ‘अनिश्चितता समाप्त होनी चाहिए. दिल्ली में जितनी जल्दी संभव हो एक निर्वाचित सरकार होनी चाहिए. नौकरशाह कब तक शहर को चलाएंगे?’ उपराज्यपाल ने पिछले महीने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को एक रिपोर्ट भेजकर दिल्ली में सरकार गठन के लिए बीजेपी को आमंत्रित करने की इजाजत मांगी थी. रिपोर्ट में नजीब जंग ने राजनीतिक स्थिति का विस्तृत विश्लेषण किया था और शहर में एक निर्वाचित सरकार की जरूरत का जिक्र किया था, जहां 17 फरवरी से राष्ट्रपति शासन लगा हुआ है. दरअसल, आम आदमी पार्टी ने 49 दिन के शासन के बाद इस्तीफा दे दिया था.
उपराज्यपाल के पत्र का दिवाली के बाद केंद्र द्वारा जवाब दिए जाने की संभावना है. हालांकि, बीजेपी यह कहती आ रही है कि उपराज्यपाल से आमंत्रण मिलने के बाद दिल्ली में सरकार गठन के बारे में वह कोई फैसला करेगी. बीजेपी सूत्रों ने बताया कि कई केंद्रीय नेता और आरएसएस जोड़तोड़ कर सरकार बनाने के पक्ष में नहीं हैं तथा राज्य नेतृत्व को चुनाव के लिए तैयार होने का संकेत दिया है.
उपराज्यपाल ने राष्ट्रपति को भेजी गई अपनी रिपोर्ट में कहा है, चूंकि दिल्ली में सरकार गठन के लिए किसी भी पार्टी ने दावा नहीं किया है इसलिए बीजेपी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया जा सकता है क्योंकि विधानसभा में वह सबसे बड़ी पार्टी है. उपराज्यपाल ने कहा है कि नए सिरे से चुनाव कराने से पहले निर्वाचित सरकार के गठन के लिए सारी संभावनाओं को तलाशना चाहिए.
फिलहाल, विधानसभा में बीजेपी के पास अपने सहयोगी अकाली दल के एक विधायक के साथ 29 सदस्य हैं और उसे सदन में बहुमत साबित करने के लिए पांच और विधायकों से समर्थन की जरूरत होगी. पिछले साल दिसंबर में हुए चुनाव के बाद पार्टी 70 सदस्यीय विधानसभा में सबसे बड़े दल के रूप में उभरी थी.
विधानसभा चुनाव में सहयोगी पार्टी अकाली दल सहित बीजेपी ने 32 सीटों पर जीत हासिल की थी. 70 सदस्यीय विधानसभा में वह सामान्य बहुमत से सिर्फ चार सीट दूर थी और उसने यह कहते हुए सरकार बनाने से इनकार कर दिया था कि उसके पास संख्या बल नहीं है. वह सत्ता में आने के लिए किसी अनुचित तरीके का सहारा नहीं लेगी. आप के 28 विधायक थे और इस पार्टी ने कांग्रेस के आठ विधायकों के समर्थन से सरकार का गठन किया. मई में सदन में बीजेपी के सदस्यों की संख्या घटकर 28 हो गई, क्योंकि इसके तीन विधायक हर्षवर्धन, रमेश बिधुड़ी और परवेश वर्मा लोकसभा के लिए निर्वाचित हो गए.
इन तीन नेताओं के विधायक पद से इस्तीफे के बाद सदन में सख्या बल भी घटकर 67 हो गया. अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार ने ‘जनलोकपाल विधेयक’ पारित नहीं होने पर 14 फरवरी को इस्तीफा दे दिया था. बीजेपी और कांग्रेस के विरोध के चलते यह पारित नहीं हो सका था.
उपराज्यपाल दिल्ली विधानसभा को भंग करने के पक्ष में नहीं थे और सदन को निलंबित अवस्था में रखा. हालांकि, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी नए सिरे से चुनाव कराने का मार्ग प्रशस्त करने के लिए सदन को फौरन भंग करने की मांग करती आ रही है.
इनपुट: भाषा