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शारीरिक संबंध छुपाने के लिए हुई थी आरुषि के गुप्तांगों की सफाई: सीबीआई

सीबीआई ने आरुषि  मामले की सुनवाई कर रही विशेष अदालत से मंगलवार को कहा कि अपराध स्थल की पूरी तरह सफाई की गई थी और किशोरी लड़की के शव को चिकित्सक दंपति राजेश और नूपुर तलवार ने अपराध की रात साफ किया था.

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परिजनों के साथ आरुषि
परिजनों के साथ आरुषि

सीबीआई ने आरुषि मामले की सुनवाई कर रही विशेष अदालत से मंगलवार को कहा कि अपराध स्थल की पूरी तरह सफाई की गई थी और किशोरी लड़की के शव को चिकित्सक दंपति राजेश और नूपुर तलवार ने अपराध की रात साफ किया था.

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विशेष सीबीआई अभियोजक आर के सैनी ने कहा, ‘अपराध स्थल की सफाई की गई. जिस बिस्तर पर आरुषि का शव पाया गया था उसपर एक भी सिलवट नहीं थी.’ सीबीआई ने यह भी दलील दी कि सेवा प्रदाता के अनुसार इंटरनेट राउटर को अपराध की रात खोला-बंद किया गया था. यह दर्शाता है कि तलवार दंपति जाग रहे थे और इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे थे और वे आरूषि के कमरे में हो रही घटनाओं के बारे में जान रहे थे.

मामले में अंतिम दलील के तीसरे दिन सैनी ने कहा कि जिस चादर पर आरुषि का शव पड़ा था उसपर गीलेपन का दाग पाया गया जो दर्शाता है कि उसके गुप्तांगों की भी सफाई की गई थी. सीबीआई की कहानी के अनुसार आरुषि का हेमराज के साथ शारीरिक संबंध था और नूपुर ने इस तथ्य को छिपाने के लिए उसके गुप्तांगों को भी साफ किया था.

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सैनी ने कहा कि डा. सुनील दोहरे ने आरूषि का पोस्टमार्टम किया था और उन्होंने कहा था कि हत्या की रात उसने शारीरिक संबंध बनाया था. उनपर अपनी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इसका उल्लेख नहीं करने के लिए दबाव डाला गया था. सैनी ने अदालत से कहा, ‘राजेश के बड़े भाई दिनेश ने अपने साथी चिकित्सक सुशील चौधरी से उत्तर प्रदेश के पूर्व प्रभावशाली पुलिस अधिकारी के के गौतम से रिपोर्ट से ‘बलात्कार’ शब्द हटवाने के लिए कहा था.’

सैनी ने कहा, ‘उसी तरह रक्त के धब्बे वाले हाथ के निशान से लिया गया हेमराज का डीएनए इस बोतल से लिए गए डीएनए से मेल खा रहा था.’ उन्होंने कहा कि ये सीबीआई की कहानी का समर्थन करते हैं कि आरुषि और हेमराज का हत्यारा कोई बाहरी व्यक्ति नहीं था.उन्होंने कहा कि हेमराज का शव आरूषि के कमरे से खींचकर छत पर लाया गया. जहां इसे एक कूलर पैनल से ढंककर रखा गया था और छत को जाने वाले दरवाजे पर ताला लगा था.

अभियोजन पक्ष ने कहा कि तलवार दंपति के घर पर अगली सुबह गए चिकित्सकों रोहित कोचर और राजीव वाषर्णेय ने कहा था कि उन्होंने छत के दरवाजे के ताले, रेलिंग और सीढ़ियों पर खून के धब्बे पाए थे. उन्होंने कहा, ‘दोनों ने सीढ़ियों पर पोछे गए रक्त के धब्बे भी देखे जो सीबीआई की कहानी का समर्थन करता है कि हेमराज का शव चादर में लपेटने के बाद तलवार दंपति खींचकर छतपर ले गए.

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उसके बाद नोएडा के तत्कालीन अतिरिक्त मजिस्ट्रेट संजय चौहान ने भी छत के दरवाजे पर लगे ताले और रेलिंग पर खून का धब्बा पाया था.’ अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश श्याम लाल की अदालत ने सीबीआई की तरफ से अगली दलीलों की तारीख 17 अक्तूबर को निर्धारित की.

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