आरुषि और हेमराज मर्डर केस के आख़िरी छह घंटों में ही क़त्ल का सारा राज़ छुपा है. रात बारह बजे से सुबह छह बजे के दरम्यान घर के अंदर जो कुछ हुआ उसे लेकर पिछले पांच सालों में हजार तरह की कहानियां कही गईं. पर ये पहली बार है जब सीबीआई ने कोर्ट के सामने उन छह घंटों की पूरी तस्वीर पेश की. इन छह रहस्यमयी घंटों से जुड़े हर सवाल का जवाब दिया. आप भी जानें कि आखिर 15-16 मई 2008 की उस रात आरुषि के घर में रात 12 बजे से सुबह छह बजे के बीच आखिर हुआ क्या था?
करीब पांच साल से पूरा देश इस सवाल का जवाब जानना चाहता था. करीब पांच साल से हर मां-बाप यही दुआ कर रहे थे कि जो वो सोच रहे हैं वो सच ना हो. करीब पांच साल से पूरी कहानी जानने के बावजूद हर किसी को यही लग रहा था कि ये कहानी अधूरी है.
पर आरुषि-हेमराज के क़त्ल के पांच साल बाद मिल गया हर सवाल का जवाब? दूर हो गई सारी ग़लतफ़हमी? सामने आ गई क़त्ल के रात की पूरी कहानी? घर में ही था आरुषि-हेमराज का क़ातिल? मां-बाप ही हैं क़ातिल?
जी हां. हाल के वक्त में देश की सबसे बड़ी मर्डर मिस्ट्री का खुलासा हो गया है. जिस एक रात के पेच में पूरी कहानी उलझी हुई थी, उस रात का काला सच सामने आ गया है. सामने आ गई है कत्ल की वजह भी...क़ातिल भी और कत्ल का तरीका भी.
आरुषि के मां-बाप ही हैं आरुषि और हेमराज के कातिल. इन्होंने ही 15-16 मई 2008 की रात रची थी कत्ल की साज़िश और इन्होंने ही अंजाम दिया उस डबल मर्डर को. पर हां. ये भी सच है कि दोनों कत्ल अचानक हुआ. यानी पहले से इसकी कोई प्लानिंग नहीं की गई थी. पहले से कोई साजिश नहीं रची गई थी. उस रात जो भी हुआ सब अचानक हुआ. यहां तक कि दो कत्ल में से एक कत्ल तो गलती से हो गया. जी हां. उस रात डॉक्टर तलवार हेमराज को तो मारना चाहते थे और मारा भी. पर वो आरुषि को नहीं मारना चाहते थे. आरुषि बस एक गलत वार और निशाने का शिकार हो गई.
ये खुलासा किसी और ने नहीं बल्कि इस सीबीआई ने किया है, जिसके लिए ये केस हाल के वक्त की सबसे बड़ी चुनौती थी. उसी सीबीआई के वकील ने भरी अदालत में उस रात की पूरी कहानी सुनाई. रात 12 बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक नोएडा के जलवाय़ु विहार के फ्लैट नंबर एल-32 यानी डाक्टर तलवार के घर के अंदर क्या-क्या हुआ उसकी एक-एक तफसील बताई.