आरुषि-हेमराज मर्डर केस अब अपने अंतिम पड़ाव पर है. तमाम अड़चनों के बावजूद गाजियाबाद की स्पेशल सीबीआई कोर्ट में अंतिम बहस शुरू हो चुकी है.
सीबीआई ने अंतिम बहस के दौरान कोर्ट में गवाहों के बयान के आधार पर ये साबित करने की कोशिश की कि घटना वाली रात मकान में सिर्फ चार लोग थे, जिसमें सुबह दो लोगों की मौत हो गई और दो लोग जिंदा बचे. यानी राजेश और नुपुर ने ही घटना को अंजाम दिया.
सीबीआई ने इस बात को साबित करने के लिए डॉक्टर तलवार के ड्राइवर, घर की नौकरानी, नोएडा पुलिस की पहली एफआईआर, गोल्फ स्टिक की सीएफएसएल रिपोर्ट और आरुषि-हेमराज की पोस्टमार्टम रिपोर्ट को आधार बनाया है.
उम्मीद है कि मंगलवार को वचाव और अभियोजन पक्ष अपनी बहस पूरी कर लेंगे और अगर ऐसा होता है तो अदालत इस बेहद चर्चित मामले मे अंतिम फैसला सुना सकती है या फिर आगे की कोई तारीख तय कर सकती है, लेकिन सुनावाई पूरी होने के बाद अब जल्द ही देश की सबसे बड़ी मर्डर मिस्ट्री से पर्दा उठ सकेगा.