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हमें उस जुर्म की सजा मिली, जो हमने किया ही नहीं: तलवार दंपति

आरुषि और हेमराज हत्‍याकांड में दोषी ठहराए जाने के बाद तलवार दंपति के सब्र का बांध टूट गया. राजेश तलवार और नूपुर तलवार अदालत परिसर में रो पड़े. तलवार दंपति ने इस मामले में खुद को बेगुनाह बताते हुए कहा कि उन्‍हें उस गुनाह की सजा दी गई है, जो उन्‍होंने किया ही नहीं.

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आरुषि और हेमराज हत्‍याकांड में दोषी ठहराए जाने के बाद तलवार दंपति के सब्र का बांध टूट गया. राजेश तलवार और नूपुर तलवार अदालत परिसर में रो पड़े. तलवार दंपति ने इस मामले में खुद को बेगुनाह बताते हुए कहा कि उन्‍हें उस गुनाह की सजा दी गई है, जो उन्‍होंने किया ही नहीं.

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जैसे ही कोर्ट का फैसला आया, राजेश और नूपुर तलवार के अलावा कोर्ट में मौजूद उनके संबंधियों की आंखों से भी आंसू छलक आए.

विस्‍तृत कवरेज: राजेश और नूपुर तलवार ने ही की आरुषि-हेमराज की हत्‍या

फैसले के बाद राजेश और नूपुर तलवार की ओर से मीडिया में एक बयान जारी किया गया है, जिसमें कहा गया है कि वे फैसले से नाखुश हैं. बयान में कहा गया है, 'हम फैसले से बहुत दुखी हैं. हमें एक ऐसे जुर्म के लिए जिम्‍मेदार ठहराया गया है, जो हमने किया ही नहीं. लेकिन हम हार नहीं मानेंगे और न्‍याय के लिए लड़ाई जारी रखेंगे.'

तलवार दंपति की एक रिश्‍तेदार ने फैसले के बाद कहा, 'ट्रायल की जरूरत ही क्‍या थी? लोगों को पहले से पता था कि क्‍या होने वाला है. सीबीआई की गरिमा को बचाने के लिए सच को झूठ की परतों में दबा दिया गया.'

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उधर, बचाव पक्ष के वकील ने इस फैसले को गलत माना है. उन्‍होंने कहा कि ये गैरकानूनी है. बहरहाल, फैसले के बाद दोनों दोषियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और उन्‍हें डासना जेल भेजा जा रहा है.

गौरतलब है कि सीबीआई की विशेष अदालत ने राजेश और नूपुर तलवार को आईपीसी की धारा 302 (हत्‍या) के तहत दोषी ठहराया है. इसके अलावा राजेश तलवार को आईपीसी की धारा 203(गलत एफआईआर दर्ज कराने के दोषी), 201(सबूत मिटाना) और 34(कॉमन इंटेंशन) के तहत दोषी माना है. वहीं, नूपुर को 302 के अलावा धारा 201 और 34 के तहत दोषी ठहराया है.

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