आम आदमी पार्टी सरकार ने टैंकर घोटाले में एसीबी के रवैये पर एक बार फिर सवाल खड़े किए हैं. शनिवार को टैंकर घोटाले में एंटी करप्शन ब्रांच ने दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित से सवाल पूछे, लेकिन ये तरीका जलमंत्री कपिल मिश्रा को पसंद नहीं आया. कपिल मिश्रा ने आपत्ति जताते हुए कहा, 'क्या एसीबी शीला दीक्षित के घर चाय पीने गई थी?'
कपिल मिश्रा ने बयान जारी करते हुए कहा, 'आज आखिरकार एसीबी शीला दीक्षित के दरबार में मत्था टेकने पहुंची. 18 मिनट वहां रुकी, चाय पिया और शीला दीक्षित को 20 सवालों की लिस्ट लिखकर दे दी. दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री जब चाहे इन सवालों का जवाब दे सकती हैं. नो इंटैरोगेशन नो क्रॉस क्वेशचनिंग.'
'मुझसे बंद कमरे में हुई पूछताछ'
कपिल मिश्रा ने एसीबी दफ्तर जाकर खुद की पूछताछ का जिक्र करते हुए लिखा है, "मैं इस मामले में शिकायतकर्ता हूं, मुझे एसीबी ने अपने दफ्तर में बुलाकर, आधा दर्जन अधिकारियों के बीच बंद कमरे में चार घंटे तक पूछताछ की. एक बयान पर हस्ताक्षर भी करवाए. आज जब एसीबी शीला दीक्षित के पास गई, तो कोई पूछताछ नहीं हुई.'
'शीला दीक्षित की गिरफ्तारी से कम कुछ भी मंजूर नहीं'
कपिल मिश्रा ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'शीला दीक्षित की गिरफ्तारी से कम कुछ भी मंजूर नहीं. दो दिन पहले दिल्ली विधानसभा में मैंने खुलकर कहा था कि बीजेपी शीला दीक्षित को बचा रही है. एसीबी पर शीला को बचाने का दबाव है. उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के अलग-अलग चार मामलों में एफआईआर दर्ज है, फिर भी इतना डर. ऐसा लगता है शीला दीक्षित मोदी जी की चाची हैं.'