यमुना कितनी प्रदूषित हो चुकी है इसकी झलक ओखला बैराज पर साफ नजर आ जाती है. प्रदूषण की परत नदी और नदी के साथ बसे शहर दिल्ली के लिए जान की दुश्मन बन चुकी है. साथ ही उन सरकारी दावों की भी पोल खोलती है जिनके मुताबिक दिल्ली में यमुना की सफाई पर दो हजार करोड़ से ज्यादा खर्च हो चुके हैं.
खतरनाक हैं गंगा-यमुना की मछलियां
दिल्ली में यमुना की सफाई के लिए केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय और दिल्ली सरकार ने मिलकर एक नई समिति बनाई है. दिल्ली के मुख्य सचिव और केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव को इसका सदस्य बनाया गया है. पहले हफ्ते में ही समिति अपनी अंतरिम रिपोर्ट मंत्रालय को सौंपेगी. विशेषज्ञ मानते हैं कि अच्छी नीयत तो ठीक है लेकिन क्रियान्वयन उससे ज्यादा जरूरी है.
दरअसल दिल्ली की 29 किलोमीटर की यमुना में दिक्कत सिर्फ अविरल जल के ना होने की ही नहीं है बल्कि अब तो यमुना खादर पर भी जमकर अतिक्रमण होने लगा है. जाहिर है, ये भविष्य में होने वाले जबरदस्त जान माल के नुकसान की तस्वीर है लेकिन सरकार आंखें मूंदे बैठी है.
यमुना को प्रदूषणमुक्त करने पर बनी कमेटी पड़ोस के राज्यों हरियाणा और यूपी से भी तालमेल बिठाकर काम करेगी. इन राज्यों से जल्दी ही अपने सुझाव देने को कहा गया है कि ताकि तमाम सुझावों को मिलाकर विस्तृत कार्य योजना बनाई जा सके.