दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन के खिलाफ विरोधियों ने पूरी तरह से मोर्चा खोल दिया है. पूर्व सांसद संदीप दीक्षित के बाद दर्जनभर से ज्यादा कांग्रेसी नेता दिल्ली प्रभारी पीसी चाको के पास शिकायत करने के लिए पहुंचे और माकन को अध्यक्ष पद से हटाने की मांग की.
दिल्ली में अपना खोया जनाधार तलाश रही कांग्रेस की मुश्किलें खत्म होने का नाम नही ले रही है. दिल्ली प्रदेश कांग्रेस चीफ अजय माकन की खिलाफत लगातार बढ़ती जा रही है. पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे और पूर्व सांसद संदीप दीक्षित ने माकन पर गंभीर सवाल खड़े किए. संदीप दीक्षित ने माकन की लीडरशिप में खुद की अवहेलना और शीला सरकार के खिलाफ षड्यंत्र का आरोप लगाया.
कई कांग्रेसियों ने की माकन को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाने की मांग
संदीप दीक्षित ही नहीं, माकन के खिलाफ पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी के पूर्व उम्मीदवारों ने भी बगावती सुर अख्तियार कर लिए हैं. यहां तक कि कई कांग्रेसी नेताओं ने माकन को अध्यक्ष पद से हटाने तक की मांग कर डाली है. रोहिणी
विधानसभा से पूर्व उम्मीदवार सुखबीर शर्मा ने कहा कि अजय माकन के नेतृत्व में दिल्ली कांग्रेस बिखर रही है. माकन सीनियर कांग्रेसी नेताओं को साथ लेकर नहीं चल रहे. इसलिए पार्टी आलाकमान को जल्द से जल्द अजय माकन को
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष पद से हटा देना चाहिए.
बयान देने पर चाको हुए दीक्षित से नाराज
कांग्रेसी नेता जितेन्द्र कोचर के मुताबिक दिल्ली कांग्रेस में फूट की वजह नेताओं की वो सोच है, जो कार्यकर्ताओं को जेपी अग्रवाल का आदमी या शीला का आदमी मानकर राजनीति कर रहे हैं. वहीं प्रभारी पीसी चाको ने कांग्रेसी नेताओं को
सुनने के बाद उन्हें भरोसा दिलाते हुए समस्या का हल निकालने की बात कही हैं. संदीप दीक्षित के बयान पर चाको ने कहा कि सार्वजनिक तौर पर ऐसे बयान देना पार्टी के हित में नहीं है. चाको ने कहा कि संदीप दीक्षित को पार्टी के शीर्ष
नेतृत्व और राहुल गांधी जी से मिलने का ज्यादा समय मिलता है. ऐसे में जो भी दिक्कत है उसे पार्टी के भीतर सुलझाना चाहिए.
कांग्रेस के अंदर उठी बगावत की चिंगारी से पार्टी के झुलसने के खतरे को नजरअंदाज करना घातक साबित हो सकता है. अंदरूनी गुटबाजी के साथ दिल्ली की जनता का खोया विश्वास कांग्रेस के लिए फिर से हासिल कर पाना बड़ी चुनौती होगी.