मनी लॉन्ड्रिंग केस में तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन के इलाज के लिए फिजियोलॉजिस्ट की मदद ली जाएगी. यह बात तिहाड़ जेल प्रशासन ने कही है. हाल ही में सत्येंद्र ने डिप्रेशन की शिकायत की थी. शिकायत में जैन ने कहा था कि वह जेल में अकेला और उदास महसूस करते हैं. इसलिए उनके साथ दो कैदियों को शिफ्ट कर दिया जाए. इसे लेकर उन्होंने एक आवेदन भी दिया था.
जैन के आवेदन पर एक्शन लेते हुए जेल अधीक्षक ने दो कैदियों को उनके साथ शिफ्ट भी कर दिया था. हालांकि, बाद में जब ये बात बाहर आई तो हंगामा हो गया और कैदियों को शिफ्ट करने वाले जेल अधीक्षण को कारण बताओ नोटिस भी जारी कर दिया गया.
अब जेल प्रशासन का कहना है कि जरूरत पड़ने पर आम आदमी पार्टी के नेता को जरूरी इलाज मुहैया कराया जाएगा. जेल प्रशासन का कहना है कि सत्येंद्र जैन ने जेल की क्लिनिक के अंदर एक फिजियोलॉजिस्ट से परामर्श लिया था. उन्होंने डॉक्टर को बताया था कि वह अकेला और अवसादग्रस्त महसूस करते हैं. उनकी शिकयत पर डॉक्टर ने उन्हें सामाजिक दायरे में रहने का सुझाव दिया था.
सुझाव पर इलाज की होगी व्यवस्था
जेल के डॉक्टर के मुताबिक अगर कोई अवसाद से पीड़ित है तो उस पर ध्यान दिया जाना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि अगर सत्येंद्र जैन अवसाद से जूझ रहे हैं, तो उनकी वर्तमान मनोदशा को समझने और उसका विश्लेषण करने के लिए किसी दूसरे फिजियोलॉजिस्ट की मदद भी ली जाएगी. जेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अगर सत्येंद्र जैन डिप्रेशन से पीड़ित पाए जाते हैं तो संबंधित फिजियोलॉजिस्ट के सुझाव पर जरूरी इलाज भी किया जाएगा.
दो कैदियों को किया गाय था शिफ्ट
बता दें कि तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन ने 11 मई के दिन जेल अधीक्षक को एक आवेदन दिया था. सत्येंद्र जैन ने अपने आवेदन में अकेलापन महसूस करने की बात कही थी और ये भी कहा था कि उनके साथ कम से कम दो से तीन कैदियों को रखा जाए. आवेदन पर तिहाड़ जेल की जेल नंबर सात के अधीक्षक ने उनके सेल में दो कैदियों का ट्रांसफर भी कर दिया था. जेल अधीक्षक के इसी फैसले को लेकर सवाल उठने लगे थे.
जेल प्रशासन को बताए बिना लिया फैसला
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अधीक्षक ने बिना बताए या प्रशासन से चर्चा किए बिना कैदियों को स्थानांतरित कर दिया था. जब जेल प्रशासन को इसके बारे में पता चला, तो अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया. कैदियों को उनके मूल स्थान पर वापस स्थानांतरित कर दिया गया.
क्या है कैदी को शिफ्ट करने का नियम?
इस मामले में कहा ये भी जा रहा है कि नियमों के मुताबिक जेल प्रशासन को जानकारी दिए बिना या जेल प्रशासन से बिना अनुमति लिए इस तरह का निर्णय जेल अधीक्षक नहीं ले सकते. इसी वजह से जेल प्रशासन ने कैदियों को वापस उनकी पुरानी सेल में भेजने के बाद अब जेल अधीक्षक को कारण बताओ नोटिस जारी किया है.