10thNeuroscience20 summit, Artificial intelligence for brain diseases: राजधानी दिल्ली में आयोजित 10वीं न्यूरोसाइंस समिट में सोसाइटी फॉर ब्रेन मैपिंग एंड थेरेप्यूटिक्स (SBMT), वर्ल्ड ब्रेन मैपिंग फाउंडेशन (लॉस एंजिल्स, यूएसए), सिनैप्टिव मेडिकल, अरामिस ग्रुप, सेल्युलैरिटी और एम्स (AIIMS) से जुड़े डॉक्टरों-वैज्ञानिकों ने न्यूरोसाइंस और मेंटल हेल्थ की चुनौतियों पर चर्चा की. मंथन हुआ कि न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर को किन नई तकनीकों के माध्यम से ठीक किया जा सकेगा. इस बैठक में दुनिया भर के न्यूरोसांइटिस्ट, न्यूरोलॉजिस्ट, मनोचिकित्सक, न्यूरोसर्जन, भौतिक विज्ञानी और इमेजिंग टेक्नोलॉजिस्ट शामिल हुए.
चर्चा के दौरान बताया गया कि मेंटल हेल्थ और न्यूरोसाइंस पर 1.5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का बोझ है, वहीं भारत की इसमें हिस्सेदारी 800 अरब अमेरिकी डॉलर है. इस बार समिट की अध्यक्षता एम्स के डिपार्टमेंट ऑफ न्यूरोसर्जरी के प्रोफेसर पी शरत चंद्रा (Dr P Sarat Chandra, Neurosurgery, AIIMS, Delhi) ने की. जिसमें SBMT के न्यूरोसाइंटिस्ट बाबेक कतेब ( Babak Kateb) ने भी हिस्सा लिया. उन्होंने कहा कि न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर की जल्द से जल्द पहचान के लिए ब्रेन स्क्रीनिंग बेहद जरूरी है. उन्होंने एआई रोबोटिक्स, नैनोन्यूरोसर्जरी, प्रेडिक्टिव मॉडलिंग, इंट्रा ऑपरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग पर बात की.
इस दौरान समिट में सेल थेरेपी, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, नैनोमेडिसिन और सुपर-कंप्यूटिंग पर भी चर्चा की गई. नशे की लत, दर्द प्रबंधन और आत्महत्या की रोकथाम और क्राइसिस मैनेजमेंट जैसे मानसिक स्वास्थ्य विकारों के प्रभाव पर बहस हुई.
सेलुलर थेरेपी पर भी हुई चर्चा
ब्रेन मैपिंग और इससे संबंधित दवा के लिए सेलुलर थेरेपी के भविष्य पर सेल्युलरिटी के सीईओ डॉ रॉबर्ट ने बात की. वहीं डॉ विक्की यामामोटो ने कैंसर में नई खोजों और राष्ट्रपति बाइडेन द्वारा शुरू किए गए कैंसर मून शॉट कार्यक्रम पर बात की. एम्स की न्यूरोलॉजी की प्रोफेसर मंजरी त्रिपाठी (Dr. Manjari Tripathi, Neurologist, AIIMS, Delhi) ने ग्लोबल और नेशनल लेवल पर एपिलेप्सी (मिर्गी) की लागत पर चर्चा की.
इस समिट में प्रोफेसर प्रतिमा मूर्ति (निदेशक, एनआईएमएचएएनएस), प्रोफेसर मंजरी त्रिपाठी (एम्स, दिल्ली), प्रोफेसर कीर्ति सुंदर (यूएसए), प्रोफेसर कृष्णौ रे (निदेशक, एनबीआरसी), प्रोफेसर पर्वत मंडल (एनबीआरसी), प्रोफेसर पंकज सेठ (एनबीआरसी), प्रोफेसर मंजुल त्रिपाठी (पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़), डॉ आबिधा शाह (केईएम अस्पताल, मुंबई), प्रोफेसर वीएस मेहता (पारस अस्पताल) भी शामिल हुए.