एम्स के प्राइवेट वार्ड में परोसे जाने वाले खाने को लेकर एक शख्स ने ट्वीट कर शिकायत की है. उसका आरोप है कि वार्ड में एक मरीज को परोसे गए खाने में कॉकरोच मिला. मामले की गंभीरता को देखते हुए एम्स प्रशासन ने जांच के आदेश दिए हैं.
साहिल जैदी नाम के शख्स ने अपने ट्विटर अकाउंट के जरिए एम्स को टैग करते हुए कहा कि इलाज के दौरान 4 साल के बच्चे को खाना दिया गया. इस दौरान दाल में कॉकरोच था. राष्ट्रीय राजधानी में देश के सबसे प्रतिष्ठित अस्पताल में दी जाने वाली सुविधाएं बहुत ही दयनीय और भयावह हैं.
इससे पहले अगस्त महीने में एम्स के रेजिडेंट डाक्टर्स एसोसिएशन की तरफ से एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया को पत्र लिखकर आरोप लगाया गया था कि मेस के औचक निरीक्षण के दौरान खाद्य पदार्थों में कीड़े मिले थे.
इस दौरान हॉस्टल वार्डन, सुरक्षा अधिकारियों और एफएसएसएआई के एक अधिकारी की मौजूदगी में आरडीए, साइंटिस्ट्स आफ यंग सोसाइटी (SYS) और एम्स स्टूडेंट्स एसोसिएशन (ASA) के प्रतिनिधियों ने मेस का औचक निरीक्षण किया था.
पत्र में आरोप लगाया गया था कि प्रशासन ने एक घंटे के भीतर समस्याओं का समाधान किए बिना मेस को फिर से खोल दिया. इस पत्र में आरडीए ने साफ-सफाई की स्थिति और खाने की खराब गुणवत्ता जैसे सड़ी हुई सब्जियां, फंगस और फ्रीजर में घूम रही चींटियां, बर्तन साफ करने वाले इलाके में जिंदा चूहे, आटा भंडारण क्षेत्र में छिपकलियां और बिना दस्तानों के काम करने वाले मेस कर्मियों के बारे में भी शिकायत की गई थी.
आरडीए ने पत्र में उल्लेख किया, "अनियमितताएं इतनी गंभीर थीं कि उपस्थित सभी लोगों ने तर्क दिया कि अगर यह गड़बड़ी जारी रही तो यह एक स्वास्थ्य के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता है."
इसके बाद एम्स के स्टोर अधिकारी (हॉस्टल) ने 27 अगस्त को एक आदेश में कहा, "खाद्य सुरक्षा एवं स्वच्छता समिति के सदस्यों द्वारा विभिन्न मेसों के औचक निरीक्षण के दौरान लगाए गए आरोपों के मद्देनजर मंगलवार की सुबह से हॉस्टल 7 में मेस और हॉस्टल 5 में कैफे को बंद करने का निर्णय लिया."