एअर इंडिया की फ्लाइट में हुए पेशाब कांड के आरोपी शंकर मिश्रा को दिल्ली की कोर्ट ने जमानत दे दी है. अदालत ने मामले की सुनवाई के दौरान गवाह और पीड़िता के बयानों में विरोधाभास पाया. दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में यह मामला चल रहा था. इस दौरान अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरज्योत सिंह भल्ला ने एक लाख रुपये के मुचलके पर शंकर मिश्रा को जमानत दी.
कोर्ट ने शंकर मिश्रा को जमानत देते हुए क्या कहा, शुरुआती जांच में शामिल न होना यह साबित करने के लिए काफी नहीं है कि शंकर मिश्रा न्यायिक प्रक्रिया से भागना चाहते थे. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने माना कि अभियुक्त को पेशी के लिए बहुत कम समय के लिए नोटिस दिया गया था. जज ने कहा, इतने कम समय के नोटिस पर जांच में शामिल न होना, अपने आप में व्यवहारिक नहीं माना जा सकता है. यह साबित नहीं करता कि अभियुक्त न्यायिक प्रक्रिया से भागने चाहता था.
सह यात्री का बयान पीड़ित के बयान का समर्थन नहीं करता
इसके अलावा अदालत ने कहा कि जांच एजेंसी ने जिस गवाह का नाम लिया है वह उसके पक्ष में गवाही नहीं दे रहा है. शिकायतकर्ता के बयान और गवाह इला बनर्जी के बयान में विरोधाभास है. कोर्ट का कहना है कि 9C (शिकायतकर्ता महिला के बगल में बैठे) यात्री के बयानों से पता चलता है कि उसने अपने बयान में पीड़िता द्वारा की गई दलील का समर्थन नहीं किया है, जिसे निश्चित रूप से उसके स्तर पर पूरी तरह से खारिज नहीं किया जा सकता है.
देरी से क्यों दर्ज कराई FIR?
इसके अलावा कोर्ट ने यह भी कहा, मौजूदा मामले में FIR घटना के करीब 1 महीने 5 दिन बाद दर्ज की गई थी. पीड़ित ने इस अवधि के दौरान पुलिस से संपर्क नहीं किया था या FIR दर्ज करने पर जोर नहीं दिया था. अदालत ने इस देरी पर भी सवाल खड़े किए.
शंकर मिश्रा पर पहले से कोई मुकदमा नहीं
सुनवाई के दौरान यह मुद्दा भी उठा कि अभियुक्त पर पहले से कोई केस पेंडिंग है या नहीं. जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही अदालत ने इस बिंदु पर भी विचार किया. अदालत में कहा गया कि ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं है कि शंकर मिश्रा ने पीड़ित को डराने या धमकाने की कोशिश की.
'हिरासत में रखने की नहीं जरूरत'
इन सभी बिंदुओं पर चर्चा करने के बाद अदालत ने माना कि अब अभियुक्त शंकर मिश्रा को हिरासत में रखने की जरूरत नहीं है. इस मामले में पीड़ित, सह यात्रियों, चालक दल के सदस्यों के बयान दर्ज किए गए हैं. कोर्ट इस निष्कर्ष पर पहुंची कि आरोपी की जांच पहले ही खत्म हो चुकी है और कम से कम उस उद्देश्य के लिए उसे अब शंकर मिश्रा को हिरासत में रखने की आवश्यकता नहीं है.
क्या है ये पेशाब कांड?
बता दें कि 26 नवंबर 2022 को न्यू यॉर्क से दिल्ली आ रही फ्लाइट में नशे में धुत शंकर मिश्रा ने बिजनेस क्लास में बैठी 70 साल की महिला यात्री पर पेशाब कर दिया था. इस मामले में पुलिस ने 7 जनवरी को बेंगलुरु से आरोपी को गिरफ्तार किया था. जानकारी के मुताबिक, घटना के 42 दिन बाद उसे गिरफ्तार किया जा सका था. मुंबई का रहने वाला शंकर लगातार फरार चल रहा था, जिसके बाद उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कर दिया गया था. बाद में पुलिस ने आरोपी के मोबाइल लोकेशन के आधार पर उसे अरेस्ट किया था. पुलिस ने उसके खिलाफ 354,294,509,510 IPC के तहत केस दर्ज किया है. इस घटना पर संज्ञान लेते हुए एयरलाइन कंपनी ने आरोपी पर चार महीने का बैन लगा दिया है.