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प्रदूषण के खिलाफ दिल्ली में इमरजेंसी प्लान, CPCB की 41 टीमें NCR में तैनात

दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता खराब श्रेणी में है, अधिकारियों का अनुमान है कि अगले कुछ दिनों में यह बहुत खराब श्रेणी में जा सकती है. जिसको देखते हुए इमरजेंसी एक्शन प्लान लागू किया जा रहा है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर (इंडिया टुडे आर्काइव)
प्रतीकात्मक तस्वीर (इंडिया टुडे आर्काइव)

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राजधानी दिल्ली में हवा के प्रदूषण से निपटने के लिए इमरजेंसी एक्शन प्लान लागू किया जा रहा है. सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) ने कहा कि हवा के प्रदूषण को रोकने के लिए सोमवार से इमरजेंसी प्लान लागू किया जाएगा.

बता दें कि हवा की गुणवत्ता बेहद खराब होने का संकेत मिलने के बीच कई कदम उठाए जाने की योजना है. आपात योजना यानी ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के तहत शहर में वायु गुणवत्ता के आधार पर सख्त कदम उठाए जाएंगे.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एअर क्वालिटी खराब होने पर कचरा फेंकने वाले स्थानों पर कचरा जलाना रोक दिया जाएगा. ईंट, भट्ठी और उद्योगों में प्रदूषण नियंत्रण के सभी नियमनों को लागू किया जाएगा. हवा की गुणवत्ता 'बहुत खराब' होने पर डीजल से चलने वाली जेनरेटर मशीनों का इस्तेमाल रोक दिया जाएगा. इसके साथ ही ऐसी सड़कों की पहचान करके जहां ज्यादा धूल उड़ती है उन पर पानी का छिड़काव भी किया जाएगा.

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इसके अलावा अगर हवा की गुणवत्ता 'बहुत बहुत खराब से आपात' श्रेणी में होती है तो कुछ और अतिरिक्त कदम उठाए जाएंगे. दिल्ली में ट्रकों (आवाश्यक सामानों को ढोने वाले ट्रकों को छोड़कर) का प्रवेश रोका जाएगा. सोमवार से हवा की गुणवत्ता के आधार पर ही विभिन्न कदम उठाए जाएंगे.

CPCB की 41 टीमें तैनात

फिलहाल, हवा की गुणवत्ता खराब श्रेणी में है लेकिन अधिकारियों का अनुमान है कि अगले कुछ दिनों में यह बहुत खराब श्रेणी में जा सकती है. प्रदूषण रोकने के नियमों पर नजर रखने के लिए दिल्ली-एनसीआर में 41 टीमों को भी तैनात किया गया है.

इमरजेंसी एक्शन प्लान के तहत दिल्ली-एनसीआर में हवा बेहद दूषित होने पर अन्य मौसम संबंधी चेतावनियों की तरह वायु प्रदूषण की आपात स्थिति की चेतावनी जारी की जाएगी.

पर्यावरण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने 'आज तक' से खास बातचीत में कहा कि प्रदूषण पर नजर रखने के लिए सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने 41 टीमें बनाई हैं. जो तय कर रही हैं कि कौन-कौन सी चीजें हवा को प्रदूषित कर रही हैं. इसी के आधार पर वैज्ञानिकों की सहायता से 3 दिनों के बाद एअर पॉल्यूशन की भविष्यवाणी की जा सकती है. उन्होंने कहा कि 102 शहरों के अंदर क्लीन एअर प्रोग्राम लागू करने की तैयारी है.

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