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माकन की दो टूक- मोदी को खड़ा करने वाले केजरीवाल का साथ नामंजूर

माकन ने कहा, ‘दूसरी वजह यह है कि 2011 में केजरीवाल ने बाबा रामदेव, किरण बेदी, आरएसएस और बीजेपी के साथ मिलकर कांग्रेस को नुकसान पहुंचाया और मोदी को खड़ा किया था. ऐसे में केजरीवाल के साथ गठबंधन का सवाल ही नहीं उठता है.’

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दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष अजय माकन
दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष अजय माकन

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आगामी लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच संभावित गठबंधन की अटकलों को दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय माकन ने सिरे से खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि अन्ना आंदोलन के जरिए ‘मोदी को खड़ा करने वाले’ केजरीवाल के साथ हाथ मिलाने का सवाल ही नहीं उठता है.

माकन ने शनिवार को यह भी दावा किया कि जनता अब केजरीवाल को नकार रही है और दिल्ली में कांग्रेस को वापस लाना चाह रही है. उन्होंने कहा, ‘दिल्ली के कांग्रेस कार्यकर्ता और सभी नेता यह बिल्कुल नहीं चाहते कि केजरीवाल की पार्टी के साथ किसी तरह का गठबंधन हो. इसकी कुछ वजह हैं. पहली वजह यह है कि केजरीवाल की लोकप्रियता में लगातार गिरावट आ रही है और जनता अब उनको नकार चुकी है.’

माकन ने कहा, ‘दूसरी वजह यह है कि 2011 में केजरीवाल ने बाबा रामदेव, किरण बेदी, आरएसएस और बीजेपी के साथ मिलकर कांग्रेस को नुकसान पहुंचाया और मोदी को खड़ा किया था. ऐसे में केजरीवाल के साथ गठबंधन का सवाल ही नहीं उठता है.’

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कांग्रेस नेता माकन ने कहा कि विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को 56 फीसदी वोट मिले थे और नगर निगम चुनाव में उसे सिर्फ 26 फीसदी वोट मिले. दूसरी तरफ कांग्रेस का वोट 9 फीसदी से बढ़कर 22 फीसदी पर पहुंच गया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है. राजौरी गार्डन और बवाना विधानसभा के उपचुनावों में हमने देखा कि आप के वोट में काफी गिरावट आई है.

अजय माकन ने आरोप लगाया कि दिल्ली के लोग बिजली और पानी से संबंधित समस्या से परेशान हैं. दिल्ली में 10वीं और 12वीं कक्षा के इस बार के परिणाम सबसे कम रहे हैं. लोग इनसे परेशान हो चुके हैं.

इससे पहले आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बड़े नेताओं के बीच मुलाकातों की अटकलें थी. माना जा रहा था कि दोनों पार्टियां गठबंधन या आपसी तालमेल कर दिल्ली में बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़ सकती है. दिल्ली में केजरीवाल के पास 70 विधानसभा सीटों में 66 विधायक हैं और दिल्ली नगर निगम में भी आम आदमी पार्टी नंबर दो की स्थिति में है. वहीं कांग्रेस दिल्ली विधानसभा में शून्य पर है और दिल्ली नगर निगम में तीसरी पायदान पर है.

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