पूर्व केंद्रीय मंत्री अजीत सिंह के सरकारी आवास को लेकर विवाद गुरुवार को झड़प और प्रदर्शन में बदल गया. अजीत सिंह के घर की बिजली और पानी काटने के विरोध में समर्थकों और आरएलडी कार्यकर्ताओं ने हंगामा शुरू कर दिया है. प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली आने वाली गंगनहर की सप्लाई को रोक दिया, जिससे राष्ट्रीय राजधानी में पानी को लेकर बड़ा संकट खड़ा हो सकता है.
बताया जाता है कि गंगनहर से दिल्ली के बड़े इलाके को पानी की सप्लाई होती है. जाहिर है ऐसे में नहर का पानी रोके जाने से दिल्ली पर जल संकट मंडरा सकता है. इससे पहले मुरादनगर में इसी वजह से पुलिस ने अजीत सिंह के समर्थकों को रोकने की कोशिश की, जिससे पुलिस और समथर्कों में झड़प हो गई. प्रदर्शनकारियों पर काबू करने के लिए पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा और इसमें कई पुलिस कर्मी घायल हो गए.
आरएलडी समर्थकों की मांग है कि दिल्ली के 12 तुगलक रोड पर स्थित चौधरी चरण सिंह की कोठी में चरण सिंह की स्मृति स्थल का निर्माण किया जाए. खुद अजीत सिंह ने भी इस ओर अपनी बात रखते हुए कहा कि बंगले में उन्हें रहने का कोई अधिकार नहीं है, लेकिन बंगले से सैकड़ों किसान पिछले 36 साल से भावनात्मक तौर पर जुड़े हैं. सिंह ने कहा, 'जब इस देश में लाल बहादुर शास्त्री और अन्य नेताओं की स्मृति स्थल का निर्माण हो सकता है तो सरकार को इस ओर विचार करना चाहिए. मैंने सरकार को 9 सितंबर को बता दिया था कि मैं 24 तक मकान खाली कर दूंगा. केंद्र सरकार को मामले में बातचीत की पहल करनी चाहिए. मैंने पहले भी शांति बनाए रखने की कोशिश की थी. जब तक मैं बंगले में रह रहा था, चौधरी चरण सिंह के सभी समर्थकों को लगता था कि अभी उन्हीं का है. अब हम खाली कर रहें तो उनकों लग रहा है कि यादें छूट जाएंगी. प्रदर्शन में कई समर्थक और विधायक घायल हुए हैं. मैं अखिलेश यादव और हुडा सरकार को समर्थन के लिए धन्यवाद देता हूं.'
गौरतलब है कि दिल्ली में कोठी विवाद को लेकर दिल्ली को पानी की आपूर्ति रोकने के लिए सैकड़ों किसानों का जत्था मुजफ्फरनगर से मुरादनगर के लिए रवाना हुआ था. पुलिस ने उनको रोकने के लिए लाठी चार्ज किया. पुलिस ने गुस्साए किसानों को रोकने के लिए जगह-जगह बैरिकेटिंग भी की, लेकिन वो उन्हें रोकने में असफल रहे. किसानों का जत्था मुरादनगर की ओर बढ़ता चला गया.
मनमोहन सरकार में मंत्री रहने के दौरान चौधरी अजीत सिंह को तुगलक रोड पर 12 नंबर की कोठी अलॉट हुई थी. यही कोठी उनके पिता चौधरी चरण सिंह का भी निवास स्थल रहा है. लेकिन लोकसभा चुनाव हारने और मंत्री पद जाने के बाद मोदी सरकार ने उन्हें बंगला खाली कराने का नोटिस थमा दिया था. सीपीडब्ल्यूडी की तरफ चौधरी अजित सिंह को कई बार बंगले को खाली करने का नोटिस भेजा जा चुका था. लेकिन वो इस बंगले को नहीं खाली कर रहे थे. ऐसे में 13 सितंबर को एनडीएमसी ने बंगले की बिजली-पानी काट दी थी.