ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने शादी को आसान बनाने के साथ ही रीति-रिवाजों और प्रथाओं पर अंकुश लगाने का फैसला किया है. विशेष रूप से दहेज लेन-देन और बेटियों पर हो रहे ज़ुल्म को रोकने के लिए पर्सनल लॉ बोर्ड द्वारा अभियान शुरू किया गया है.
इसलिए शुरू हुआ अभियान
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने एक के बाद एक तीन ट्वीट किए हैं. पहले ट्वीट में कहा गया है कि 'ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने शादी को आसान बनाने और रीति-रिवाजों और प्रथाओं पर अंकुश लगाने के लिए और विशेष रूप से दहेज लेन-देन और बेटियों पर हो रहे ज़ुल्म को रोकने के लिए अभियान शुरू किया है.'
उलेमाओं के साथ चल रही बैठक
दूसरे ट्वीट में कहा गया है कि 'बोर्ड के सचिव इस अभियान की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. उन्होंने महाराष्ट्र, गुजरात, तेलंगाना, मध्य प्रदेश और कर्नाटक के उलेमा और सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करके अभियान शुरू किया है.
लिया गया ये फैसला
वहीं तीसरे ट्वीट में कहा गया है कि 'इस अभियान में, यह भी तय किया गया है कि जिस शादी में दहेज के लिए जबरन लेन-देन होता है, उसमें उलेमा और काजी शामिल न हों, यह कदम बेटियों की सुरक्षा के लिए आवश्यक है.'
बता दें कि दहेज की मांग को लेकर आए दिन बड़े मामले सामने आ रहे हैं. गुजरात के अहमदाबाद में ससुरालवालों की ओर से दहेज की बढ़ती मांग की वजह से 23 वर्षीय आयशा ने आत्महत्या कर ली थी. इस केस के बाद विभिन्न मुस्लिम संगठनों दहेज को नाजायज बताते हुए इस प्रथा को रोकने की अपील भी की है.