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मोहम्मद जुबैर को सीतापुर केस में सुप्रीम कोर्ट से राहत, अगली सुनवाई तक अंतरिम जमानत बढ़ाई

मोहम्मद जुबैर पर सीतापुर के खैराबाद थाने में महंत बजरंग मुनि उदासी, यति नरसिंहानंद सरस्वती, स्वामी आनंद स्वरूप और राष्ट्रीय हिंदू शेर सेना के खिलाफ कथित तौर पर अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करने का केस दर्ज है.

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मोहम्मद जुबैर (File Photo)
मोहम्मद जुबैर (File Photo)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • सुप्रीम कोर्ट में 7 सितंबर को अगली सुनवाई
  • पटियाला हाउस कोर्ट में 14 जुलाई को मामले की सुनवाई

फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर को सीतापुर केस में मिली अंतरिम जमानत को अगली सुनवाई तक जारी रखा गया है. सुप्रीम कोर्ट ने इस पर अगली सुनवाई के लिए 7 सितंबर की तारीख तय की है.

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सुनवाई के दौरान मंगलवार को यूपी सरकार ने इस मामले में FIR रद्द करने की मांग को लेकर लगाई गई जुबैर की याचिका पर कहा कि सरकार जवाबी हलफनामा दायर करना चाहती है. कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को 4 सप्ताह के अंदर जवाब दाखिल करने के लिए कहा है.

सीतापुर में जुबैर के खिलाफ केस क्यों?

मोहम्मद जुबैर के खिलाफ सीतापुर के खैराबाद थाने में महंत बजरंग मुनि उदासी, यति नरसिंहानंद सरस्वती, स्वामी आनंद स्वरूप और राष्ट्रीय हिंदू शेर सेना के खिलाफ कथित तौर पर अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करने का केस दर्ज है. राष्ट्रीय हिंदू शेर सेना के जिला अध्यक्ष भगवान शरण ने 1 जून को मोहम्मद जुबैर पर IPC की धारा 295 (ए) और IT एक्ट 2000 की धारा 67 के तहत केस दर्ज करवाया था. सीतापुर पुलिस ने सोमवार को इस मामले में कोर्ट में चार्जशीट दायर की, इसलिए उसे कोर्ट में पेश किया गया.

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27 जून को दिल्ली पुलिस ने किया था अरेस्ट

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने फैक्ट चैकर मोहम्मद जुबैर को पिछले महीने 27 जून को गिरफ्तार किया था. स्पेशल सेल ने पुराने मामले में जुबैर को पूछताछ के लिए बुलाया था, बाद में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था. मोहम्मद जुबैर पर सोशल मीडिया के जरिए धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप है.

पटियाला हाउस कोर्ट में टली सुनवाई

जुबैर की पटियाला हाउस कोर्ट में लगाई गई याचिका पर सुनवाई टल गई है. मंगलवार को जुबैर की वकील वृंदा ग्रोवर ने बहस की शुरुवात करते हुए कहा कि जिस फिल्म की क्लिप पर दिल्ली पुलिस ने कार्रवाई की है, उस फिल्म की रिलीज को 37 साल हो चुके हैं. यहां तक कि जुबैर के किए गए ट्वीट भी 4 साल पुराने हैं. ऐसे में कैसे ये ट्वीट भड़काऊ हो गए.

जुबैर के वकील ने FIR पर उठए सवाल

ग्रोवर ने कहा कि यह ट्वीट बहुत सारे लोगों ने रीट्वीट किया है. सोशल मीडिया पर इसको देखा जा सकता है. इतनी साफ तस्वीर के बावजूद दिल्ली पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली. वो भी ऐसे ट्वीट पर जिसका कोई आधार नहीं है. ग्रोवर ने दलील दी कि दिल्ली पुलिस ने 4 साल से इस ट्वीट पर कोई कार्रवाई नहीं की. फिल्म आए हुए 37 साल हो गए, लेकिन अभी तक उस पर कोई झगड़ा झंझट या दंगा फसाद नहीं हुआ.

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दिल्ली से बाहर थे जुबैर के वकील

दिल्ली पुलिस के वकील ने कोर्ट में कहा कि मंगलवार को ही सुप्रीम कोर्ट में भी जुबैर के मामले की सुनवाई होनी है. दिल्ली पुलिस की तरफ से पेश वकील ने कहा कि वह दिल्ली से बाहर है, लिहाजा इस मामले की सुनवाई 14 जुलाई को की जाए. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस के वकील की दलील मानते हुए मामले को 14 जुलाई के लिए टाल दिया.

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