Alt News के को-फाउंडर मोहम्मद जुबैर (Mohammed Zubair) को जमानत मिल गई है. उनको यह जमानत दिल्ली में दर्ज एक केस में मिली है. लेकिन उनपर अन्य मामले भी दर्ज है, इसलिए फिलहाल वह जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे.
Mohammed Zubair से जुड़े मामले पर आज पटियाला हाउस कोर्ट ने सुनवाई की थी. कोर्ट ने उनको जमानत दे भी दी. लेकिन अभी वह बाहर नहीं आ सकेंगे क्योंकि उनपर कई मामलों में भी केस दर्ज हैं. जब तक सभी एफआईआर क्लब होकर एकसाथ सुनवाई का आदेश नहीं आएगा तब मोहम्मद जुबैर जेल में ही रहेंगे.
पटियाला हाउस कोर्ट ने मोहम्मद ज़ुबैर को 50 हजार के निजी मुचलके पर जमानत देने का आदेश सुनाया है. कोर्ट में दिल्ली पुलिस ने जुबैर की जमानत अर्जी का विरोध किया था. सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने कहा कि जुबैर को 56 लाख रुपए विदेशों से मिले जिसमें FCRA का उल्लंघन हुआ है. कहा गया था कि जमानत देने पर वह कुछ साक्ष्यों को मिटा सकता है.
लेकिन कोर्ट ने सवाल उठा दिया है कि अभी तक पुलिस उन लोगों को सामने नहीं लाई है जो मोहम्मद जुबैर के ट्वीट की वजह से पीड़ित महसूस कर रहे थे, जिन्हें कोई परेशानी हुई थी. ये भी कहा गया कि जिस ट्वीट पर बवाल है, वो 2018 का है लेकिन भावनाओं को आहत पहुंचाने को लेकर कोई दूसरी शिकायत एक बार भी दर्ज नहीं की गई.
ASJ DK Jangala ने इस बात पर भी जोर दिया कि पुलिस ने मोहम्मद जुबैर पर FCRA के तहत मामला जरूर दर्ज कर रखा है, लेकिन रिकॉर्ड दिखाते हैं कि जुबैर की वेबसाइट के लिए सिर्फ भारतीय नागरिक ही डोनेट कर सकते हैं. सुनवाई में ये भी साफ कर दिया गया है कि जुबैर के खिलाफ पुलिस को जो भी सबूत मिले हैं, वो सभी दस्तावेजों तक सीमित हैं, उनमें और ज्यादा पूछताछ की जरूरत नहीं है.
यह FIR मोहम्मद जुबैर द्वारा साल 2018 में किये गए ट्वीट पर दर्ज हुई थी. इसमें वीडियो शेयर किया गया था. जिसमें 'Honeymoon Hotel' का नाम बदलकर हनुमान होटल कर दिया गया था. इसमें धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का मामला दर्ज हुआ था.
मोहम्मद जुबैर पर कुल सात FIR दर्ज
फैक्टचेकर जुबैर पर कुल सात FIR दर्ज हैं. इसमें से 6 उत्तर प्रदेश और एक दिल्ली में दर्ज है. वह कुल चार मामलों में हिरासत में लिये गए हैं. इसमें दिल्ली, सीतापुर, हाथरस और लखीमपुर खीरी का मामला शामिल है.
इन चार केसों में से सीतापुर मामले और अब दिल्ली मामले में उनको जमानत मिल चुकी है. जेल से बाहर आने के लिए उनको लखीमपुर खीरी और हाथरस केस में जमानत लेनी होगी.
मोहम्मद जुबैर ने सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर की हुई है. इसमें यूपी में दर्ज 6 FIR रद्द करने की मांग उठाई गई है. जुबैर के उनके खिलाफ जांच के लिए गठित SIT की संवैधानिकता को भी चुनौती दी है. यूपी सरकार ने हाल ही में यूपी पुलिस के महानिरीक्षक यानी आईजी की अगुआई में एसआईटी गठित करने का ऐलान किया है. एसआईटी की अगुआई आईजी प्रीत इंदर सिंह कर रहे हैं जबकि डीआईजी अमित कुमार वर्मा भी इसमें शामिल हैं.