दिल्ली में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. ऐसे में अस्पतालों में बेड्स की कमी नजर आने लगी है. दिल्ली में कोरोना के रिकॉर्ड तोड़ते मामलों के बीच 6 सरकारी और 51 प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना मरीज़ के लिए वेंटिलेटर की संख्या शून्य हो गयी है. यानी इन 57 बड़े अस्पतालों में कोरोना मरीज़ के लिए एक भी वेंटिलेटर उपलब्ध नहीं है. दिल्ली सरकार के 'कोरोना एप' के मुताबिक 13 अप्रैल शाम 5 बजे तक का हाल कुछ ऐसा है...
1. सेंट्रल दिल्ली के लोक नायक जय प्रकाश अस्पताल में सभी 200 वेंटिलेटर बेड पर मरीज भर्ती हैं.
2. दिलशाद गार्डन के राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में सभी 200 वेंटिलेटर बेड पर मरीज़ भर्ती हैं.
3. बुराड़ी अस्पताल में सभी 30 वेंटिलेटर बेड पर मरीज भर्ती हैं.
4. अशोक विहार के दीप चंद बंधु अस्पताल में सभी 10 वेंटिलेटर बेड भरे हुए हैं.
5. सेंट्रल दिल्ली के Northern Railway अस्पताल में सभी 10 वेंटिलेटर बेड पर मरीज भर्ती हैं.
6. रोहिणी के बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल में सभी 30 वेंटिलेटर बेड पर मरीज हैं.
इसके अलावा दिल्ली कोरोना एप के मुताबिक देश की राजधानी में 78 छोटे-बड़े प्राइवेट अस्पतालों में से 51 ऐसे छोटे-बड़े प्राइवेट अस्पताल हैं जहां वेंटिलेटर बेड्स की उपलब्धता शून्य हो गयी हैं. यानी इन सभी 51 प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना मरीज़ वेंटिलेटर बेड पर भर्ती हैं. कुल उपलब्ध प्राइवेट अस्पतालों में से 65.38% प्राइवेट अस्पतालों में वेंटिलेटर उपलब्ध नहीं हैं.
वहीं, दिल्ली में 6 सरकारी अस्पतालों में से 3 सरकारी अस्पतालों में ICU बेड्स की उपलब्धता शून्य हो गयी है. यानी इन 3 सरकारी अस्पतालों में कोरोना मरीज़ के लिए एक भी ICU बेड उपलब्ध नहीं हैं.
1. दिलशाद गार्डन के GTB अस्पताल में सभी 100 ICU बेड पर मरीज भर्ती हैं.
2. बुराड़ी अस्पताल के सभी 20 ICU बेड पर मरीज भर्ती हैं.
3. नरेला के सत्यवादी अस्पताल में सभी 20 ICU बेड पर मरीज भर्ती हैं.
इसके अलावा दिल्ली कोरोना एप के मुताबिक 13 अप्रैल शाम 5 बजे तक देश की राजधानी में 103 छोटे-बड़े प्राइवेट अस्पतालों में से 63 ऐसे छोटे-बड़े प्राइवेट अस्पताल हैं जहां ICU बेड्स की उपलब्धता शून्य हो गयी हैं. यानी इन सभी 63 प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना मरीज़ ICU बेड पर भर्ती हैं. कुल उपलब्ध प्राइवेट अस्पतालों में से 61.16% प्राइवेट अस्पतालों में ICU बेड उपलब्ध नहीं हैं.