देश की राजधानी में एक तरफ स्वच्छता अभियान की वर्षगांठ मनाई जा रही है, तो वहीं सफाई कमर्चारियों की हड़ताल की वजह से फैली गंदगी को नगर निगम, दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार पूरी तरह नजर अंदाज कर रहे हैं.
'आजतक' ने सफाई कर्मचारियों के हड़ताल पर दिल्ली और केंद्र सरकार के मंत्री से सवाल पूछे. हैरानी की बात यह है कि कई इलाकों में फैली गंदगी के सवाल पर मोदी सरकार के मंत्री सत्यपाल सिंह आत्म ज्ञान का पाठ पढ़ाते नजर आएं. केंद्रीय मंत्री से जब पूछा गया कि दिल्ली के कई हिस्सों में सफाई कर्मचारी हड़ताल पर हैं जिससे लोगों को गंदगी का सामना करना पड़ रहा है? जवाब में केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री सत्यपाल सिंह ने कहा कि "सफाई मन के अंदर भी जरूरी है. कर्मचारियों की मन और आत्मा जब साफ होगी, वो हड़ताल पर नहीं जाएंगे तो बाहर की सफाई भी करेंगे."
इसके अलावा केंद्रीय मंत्री ने मोदी सरकार के स्वच्छता अभियान पर दावे गिनाते हुए कहा कि "पिछले 4 साल में 9 करोड़ से ज्यादा टॉयलेट बनाए गए हैं. 450 से ज्यादा जिलों में खुले में शौच अब पूरी तरह खत्म है. यह एक जनांदोलन है और आने वाले दिनों में भारत साफ सुथरा होगा ये हम सिद्ध करके दिखाएंगे."
इस मामले में जब दिल्ली की केजरीवाल सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन से पूछा गया तो जैन शुरू में सवाल को टालते नजर आएं. लेकिन दोबारा पूछने पर जैन ने केंद्र सरकार पर जिम्मेदारी का ठीकरा फोड़ दिया. मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा, "यह सवाल बीजेपी से पूछिए. मुझे राजनीति की तरफ मत खींचिए. उनके पास जाइए जिन्होंने चुनाव ये कहकर लड़ा था कि हमारी सरकार केंद्र में है और हम केंद्र से डायरेक्ट पैसा ले आएंगे. जितना पैसा लाना है डायरेक्ट ले आओ, दिल्ली को केंद्र सरकार डायरेक्ट पैसा नहीं देती है. सिर्फ 325 करोड़ रुपए दिल्ली सरकार को दिए जाते हैं जबकि 1 लाख 30 हजार करोड़ का टैक्स केंद्र को जाता है."
सवाल-जवाब के बीच सफाई कर्मचारियों की हड़ताल दिल्लीवालों की सेहत के लिए एक बड़ी समस्या बनकर उभर रही है. सफाई कर्मचारियों की हड़ताल को 20 दिन हो चुके हैं, सड़कों पर कूड़ा फैला हुआ है और मंत्रियों की बयानबाज़ी ये बताती है कि निगम, दिल्ली सरकार और केंद्र 'सफाई अभियान' जैसी मुहिम को लेकर कितना गंभीर हैं.