scorecardresearch
 

MCD Unification Bill: तीनों निगमों को एक करने वाला बिल आज लोकसभा में होगा पेश, ऐसा होगा नया स्वरूप

MCD Unification Bill: दिल्ली एमसीडी एकीकरण का विधेयक आज लोकसभा में अमित शाह की ओर से पेश किया जाएगा. सूत्रों के मुताबिक तीनों नगर निगमों के विलय होने के बाद अस्तित्व में आने वाले नगर निगम में 250 से ज्यादा वार्ड नहीं होंगे.

Advertisement
X
गृहमंत्री अमित शाह (फाइल फोटो)
गृहमंत्री अमित शाह (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 250 से अधिक वार्ड नहीं होंगे निगम में
  • निगमों को भंग कर चुनाव कराए जाएंगे

MCD Unification Bill: दिल्ली के तीनों नगर निगमों को एक करने वाला बिल लोकसभा में आज पेश किया जाएगा. इससे पहले केंद्रीय कैबिनेट की तरफ से इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. बता दें कि गृहमंत्री अमित शाह दिल्ली नगर निगम (संशोधन) विधेयक-2022 पेश करेंगे. संसद से बिल पास होने के बाद दिल्ली के तीनों नगर निगमों को भंग कर चुनाव कराए जाएंगे. 

Advertisement

सूत्रों के मुताबिक एक निगम में 250 से ज्यादा वार्ड नहीं होंगे. लिहाजा वार्डों का परिसीमन करना होगा. ऐसे में नगर निगम का चुनाव 6 महीने के लिए टलने की प्रबल आशंका है.

निगम भंग हुए तो क्या होगा?

तीनों निगमों के भंग होने की स्थिति में एडमिनिस्ट्रेटर अप्वॉइंट होगा, जो प्रशासक के तौर पर काम करेगा. आपको बता दें की केंद्रीय मंत्रिमंडल ने निगमों के विलय के विधेयक को पहले ही  मंजूरी दे दी है.

आरक्षण पर क्या है स्थिति?

सूत्रों के मुताबिक सामान्य पार्षदों और अनुसूचित जाति के पार्षदों के वार्डों की कुल संख्या का निर्धारण केंद्र सरकार अधिसूचना के माध्यम से कर सकती है.

कब कितने वार्ड?

2012 में जब निगमों का विभाजन किया गया था, तब वार्डों की संख्या 272 हो गई थी. जिसमें उत्तरी और दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में 104-104 वार्ड, जबकि ईस्ट दिल्ली नगर निगम में 64 वार्ड थे. वहीं 2007 में जब निगम एक था, तब वार्डों की संख्या सिर्फ 134 थी.

Advertisement

विशेष अधिकारी हो सकता है नियुक्त

सूत्रों के अनुसार, नए निगम के गठन होने तक विधेयक के तहत एमसीडी के कामकाज को देखने के लिए एक विशेष अधिकारी की नियुक्ति का प्रावधान किया जा सकता है.

ये होगा संशोधन विधेयक का नाम 

सूत्रों के अनुसार दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी), उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) और पूर्वी दिल्ली नगर निगम (ईडीएमसी) को एक करने वाले विधेयक का नाम दिल्ली नगर निगम (संशोधन) विधेयक, 2022 होगा. एकीकरण विधेयक पेश होने और संसद में पारित होने के बाद तीनों नगर निगमों का विलय हो जाएगा.
 

एकीकृत निगम में  ऐसी नहीं होगी आरक्षित सीटों की संख्या

22 मार्च 2022 को दिल्ली म्युनिसिपल कॉरपोरेशन अमेंडमेंट एक्ट-2022 को केंद्र की कैबिनेट ने मंजूरी देकर एकीकरण के फैसले पर मुहर लगा दी थी. एकीकरण के बाद आरक्षित सीटों के गणित बदलेंगे. ऐसा इसलिए क्योंकि ईस्ट, साउथ, नॉर्थ एमसीडी के इलाके अलग-अलग हैं, लिहाजा उन इलाकों में रह रही अनूसूचित जाति के आधार पर सीटों का आरक्षण हुआ है. जबकि एकीकरण के बाद महिलाओं या अनूसूचित जाति के लिए आरक्षित सीटों के लिए दुबारा पूरी प्रक्रिया से गुजरना होगा. अभी मौजूदा 272 वार्ड में 50 फीसदी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं.
  
अलग-अलग निगमों में आरक्षण की स्थिति 

Advertisement


दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में 104 में से 15, उत्तरी दिल्ली नगर निगम में 104 में से 20 और पूर्वी के 64 में से 11 वार्ड अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है.

निगमों में ऐसा है सीटों का गणित

साउथ एमसीडी कुल वार्ड- 104 
सामान्य- 44 
महिला (सामान्य)- 45 
अनुसूचित जाति- 8 
महिला (अनुसूचित जाति)- 7 

नॉर्थ एमसीडी कुल वार्ड- 104 
सामान्य- 42 
महिला (सामान्य)- 42 
अनुसूचित जाति- 10 
महिला (अनुसूचित जाति)- 10 

ईस्ट एमसीडी कुल वार्ड- 64 
सामान्य- 26 
महिला (सामान्य)- 27 
अनुसूचित जाति - 5 
महिला (अनुसूचित जाति)- 6 

वार्ड का परिसीमन दोबारा होगा  


निगम में एकीकरण के बाद कुल वार्डों की संख्या 250 रहेगी. ऐसे में फिर से परिसीमन किया जाएगा. वार्ड का परिसीमन हर 10 साल में होता है. आखिरी बार 2016 में परिसीमन हुआ था. राज्य निर्वाचन आयोग ने 25 मार्च 2022 को ही वार्ड रोटेशन किया था. जिससे बीजेपी, आप और प्रतिपक्ष के बड़े नेताओं की ये सीटें चली गईं. इससे तीनों अलग-अलग एमसीडी में हड़कंप मच गया, क्योंकि कुछ अपवाद को छोड़ दें तो अधिकतर पुरुष पार्षदों की सीट या तो महिला को दे दी गईं या अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हो गईं.

 

ये भी पढ़ें

 

Advertisement
Advertisement