आम्रपाली के खरीदारों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं. लोगों ने अपने घर का सपना देखते हुए आम्रपाली में अपना पैसा लगाया लेकिन घर मिलने की तो कोई जानकारी नहीं है बल्कि यहां अपने पैसे फंसे होने के चलते लोगों को अपनी जान तक गंवानी पड़ रही है. यहां पैसा देने के बावजूद लोगों को अपना घर पाने के लिए धक्के खाने पड़ रहे हैं लेकिन उन्हें घर कब मिलेगा ये भी बात कोई नहीं जानता.
ऐसा ही अपनी द्वारका के रहने वाले शोभित मल्होत्रा के साथ हुआ है जिन्होंने घर का सपना पूरा करने के लिए अपनी जमापूंजी लगा दी जिसके बाद अभी तक उन्हें घर तो नहीं मिला लेकिन बीमारी जरूर मिल गई.
दरअसल शोभित ने साल 2014 में नोएडा एक्सटेंशन में आम्रपाली के रिवरव्यू प्रोजेक्ट में घर बुक किया था. बिल्डर ने उन्हें आश्वासन दिया था कि 2017 तक उन्हें घर मिल जाएगा लेकिन उनका ये सपना सपना ही रह गया, लेकिन इसी बीच शोभित को ब्लड कैंसर हो गया. शोभित को डेढ़ महीने पहले ही इस बीमारी के बारे में पता चला है, अब शोभित को समझ नहीं आ रहा कि वो क्या करें. शोभित द्वारका के सेक्टर-17 में किराये के मकान में अपनी पत्नी और बेटे के साथ रहते हैं.
अब परेशानी यह है कि शोभित को समझ नहीं आ रहा कि वो घर का किराया दें या बैंक की ईएमआई दें. इसके साथ उन्हें अब ये भयंकर बीमारी हो गई जिसका खर्च उन्हें अलग से उठाना पड़ रहा है. उनका खर्चा लगातार बढ़ता जा रहा है. शोभित लगातार बिल्डर को ढूंढ रहे हैं ताकि वो बिल्डर को दिए गए अपने साढ़े 15 लाख रुपये वापस लेकर अपना इलाज करा सकें.
शोभित जैसे-तैसे अपना काम कर तो रहे हैं लेकिन उनकी आर्थिक तंगी लगातार उनके लिए परेशानी का सबब बनती जा रही है. उन्हें डर है कि कहीं उनके हालात भी योगेश जैसे न हो जाए. बता दें कि योगेश को भी कैंसर की बीमारी थी और वो किराये के घर में रहते थे. बैंक की ईएमआई, घर का किराया और अपने इलाज का खर्च वो नहीं उठा पाए जिससे 22 नवंबर को नोएडा के सेक्टर 11 में उनकी मौत हो गई थी. शोभित का कहना है कि वो जल्द से जल्द बिल्डर को दिए हुए अपने पैसे वापस चाहते हैं ताकि वो ब्लड कैंसर जैसी भयंकर बीमारी से बच सकें.