दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने राज निवास में महिला सुरक्षा मुद्दों पर गठित टास्क फोर्स की 10वीं बैठक की अध्यक्षता की. बैठक में एनजीओ 'सेफ्टीपिन' ने दिल्ली में महिला सुरक्षा में सुधार के लिए विभिन्न मानक जैसे कि डार्क स्पॉट, दृश्यता, वॉक-पाथ और सार्वजनिक परिवहन पर एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत किया.
सेफ्टीपिन ने उन क्षेत्रों के बारे में बताया जहां उन्होंने सर्वेक्षण किया है. इसमें उन्होंने लगभग 3077 किलोमीटर एरिया को कवर किया. इन क्षेत्रों की एक लाख से अधिक फोटो ली. सर्वे में वर्ष 2016 में जहां 7438 डार्क स्पॉट्स की पहचान की गई थी. वर्ष 2019 के सर्वे में केवल 2780 डार्क स्पॉट की पहचान की गई.
उपराज्यपाल को दिल्ली पुलिस द्वारा महिला सुरक्षा के लिए उठाए जा रहे कई कदमों के बारे में सूचित किया. जैसे, 15 पीसीआर केवल महिलाओं द्वारा चालित की जा रही हैं. संवेदनशील क्षेत्रों में 30 पराक्रम वैन संचालित हैं. 259 महिला बीट पुलिसकर्मी साइकिल एवं मोटरसाइकिल से गश्त कर रही हैं.
केवल महिलाओं से बनी SWAT टीम को शामिल किया गया है. 312 महिला पुलिस अधिकारियों को 196 पीसीआर वैन में (दिन-रात शिफ्ट) तैनात किया गया है. 500 पीसीआर वैन लड़कियों के स्कूलों एवं कालेजों के समीप तैनात किया है. विशेष पुलिस आयुक्त (महिला सुरक्षा) की अध्यक्षता में गैर सरकारी संगठनों एवं अन्य हितधारकों, जो कि महिला सुरक्षा के कार्यों में संलग्न हैं, के साथ नियमित बैठक की जा रही है.
वर्ष 2018 में 3,25,086 लड़कियों/महिलाओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया गया, इस उपलब्धि को लिम्का बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड में अंकित किया गया. दिल्ली पुलिस ने यह भी बताया है कि उन्होंने पुलिस में महिलाओं की भर्ती के लिए विशेष अभियान चलाया है.
परिवहन विभाग ने यह बताया कि सीसीटीवी व पैनिक बटन वाली 1000 बसों को शामिल करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. 3 सीसीटीवी एवं 14 पैनिक बटन वाले 25 बसों को 20 अगस्त 2019 को क्लस्टर बेड़े में शामिल किया जा चुका है. यह भी बताया गया कि सीसीटीवी एवं पैनिक बटन के लिए निविदा अंतिम चरण में है एवं वर्तमान में संचालित बसों में भी सीसीटीवी अप्रैल 2020 तक लगा दिए जाएंगे.
दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशक ने उपराज्यपाल को बताया कि 892 सरकारी स्कूलों में सीसीटीवी लगा दिए गए हैं. अब तक 63 स्कूल भवनों के बाहर सीसीटीवी कवरेज सुनिश्चित की गई है एवं शेष स्कूलों को दिसम्बर 2019 तक कवर कर लिया जाएगा.
उपराज्यपाल ने लोक निर्माण विभाग, एमसीडी और अन्य संबंधित एजेंसियों को निर्देश दिया कि सभी चिन्हित डार्क स्पॉट पर स्ट्रीटलाईट लगाई जाए. उन्होंने संबंधित अधिकारियों को डार्क स्पॉट्स पर एक समान और अबाध्य रोशनी सुनिश्चित करने के लिए नियमित जांच करने को कहा.
उपराज्यपाल ने परिवहन विभाग को बसों में सीसीटीवी और पैनिक बटन लगाने की प्रक्रिया में तेजी लाने को कहा और यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि सभी डीटीसी एवं क्लस्टर बसों में महिला हेल्पलाईन नम्बर ठीक ढंग से प्रदर्शित हों.
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष ने शहर में उपज रहे ऐसे स्पा, जिसमें अवैध गतिविधियां हो रही हैं, का भी मुद्दा उठाया. उपराज्यपाल ने पुलिस आयुक्त को निर्देश दिया कि वह इस मामले में कठोर कार्रवाई करे.
अंततः उपराज्यपाल ने कहा कि सभी हितधारक दिल्ली को महिलाओं के लिए एक सुरक्षित शहर बनाने के लिए एक केंद्रित और समन्वित रणनीति पर कार्य करें. मानसिकता में बदलाव की आवश्यकता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि विभागों को जागरूकता और संवेदीकरण पैदा करने के लिए अपने प्रयास जारी रखने चाहिए.
इस बैठक में दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष, पुलिस आयुक्त, दिल्ली प्रधान सचिव (कानून व न्याय), दिल्ली सरकार, आयुक्त, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम, दिल्ली पुलिस के विशेष सचिव (महिला सुरक्षा), मुख्य कार्यकारी अधिकारी (डूसिब), सचिव (टीटीई), दिल्ली सरकार, सचिव, नई दिल्ली नगरपालिका परिषद, सचिव (समाज कल्याण), दिल्ली सरकार, निदेशक ( शिक्षा), दिल्ली सरकार, विशेष सचिव (गृह) दिल्ली सरकार, सदस्य सचिव (डीएसएलएसए) और सेफ्टीपीन के सदस्य शामिल हुए.