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15 दिन की दोस्ती, फिर साथ में न्यू ईयर पार्टी... अंजलि सिंह की कहानी, निधि की जुबानी

अंजलि की दोस्त निधि ने बताया कि अंजलि की एक दोस्त के जरिए उन दोनों की दोस्ती हुई थी. वह पहले से अंजलि को नहीं जानती थी. दोस्ती के 15 दिन बाद ही न्यू ईयर की सेलिब्रेशन करने दोनों होटल गईं थी. इसके बाद जब वे वापस लौटने लगीं तो कैसे अंजलि कार हादसे का शिकार हुई, निधि ने इस बारे में विस्तार से बताया.

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निधि ने बताई उस रात की पूरी कहानी.
निधि ने बताई उस रात की पूरी कहानी.

दिल्ली में अंजलि सिंह की सड़क हादसे में हुई दर्दनाक मौत के मामले में जहां पुलिस ने पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. तो वहीं अब अंजलि के साथ घटना के समय मौजूद उसकी सहेली ने भी कई ऐसी बातें 'आजतक' को बताईं जो कि बेहद हैरान कर देने वाली हैं.

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अंजलि की दोस्त निधि ने बताया वह अंजलि को पहले से नहीं जानती थी. उसकी 10 से 15 दिन पहले ही दोस्ती हुई थी वो भी किसी और सहेली के जरिए. दोनों के बीच अच्छी बोंडिंग हो गई इसलिए जब अंजलि ने न्यू ईयर पर पार्टी की बात कही तो वह इनकार नहीं कर पाई. रात 8 बजे वे लोग होटल पहुंचे. यहां अंजलि के ही दोस्त थे, जिनमें उसका बॉयफ्रेंड भी शामिल था. निधि ने बताया कि वह पार्टी में अंजलि के अलावा किसी को नहीं जानती थी.

इस बीच वह कुछ सामान लेने के लिए बाहर आई. जब होटल के कमरे में लौटी तो अंजलि और उसके बॉयफ्रेंड के बीच किसी बात को लेकर झगड़ा हो रहा था. निधि ने बताया कि यह सब देखकर उसने अंजलि को वहां से चलने को कहा. अंजलि भी बोली कि उसे भी घर जाना है. फिर वे लोग होटल से 2 बजे बाहर निकले.

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निधि ने बताया, ''पार्टी के बाद जब हम लोग जब बाहर निकले मुझे लगा कि शायद अंजलि स्कूटी चलाने की हालत में नहीं है. इसलिए मैंने उसे कहा कि मैं स्कूटी चलाती हूं. तुम पीछे बैठो. फिर भी अंजलि नहीं मानी और मुझसे लड़ने लगी. उसने मुझसे कहा कि मैं तुम्हें सही सलामत घर छोड़ दूंगी.  फिर जैसे ही हम स्कूटी में सफर कर रहे थे अंजलि किसी बात को लेकर काफी गुस्से में थी. इसी बीच एक ट्रक हमारे सामने आ गया. उस समय हम  बाल-बाल बच गए. मैंने तुरंत उसे स्कूटी रोकने को कहा और चाबी निकाल ली. तब भी वो नहीं मानी और कहा कि अब मैं ढंग से स्कूटी चलाऊंगी.''

अंजलि की दोस्त ने कहा, ''जैसे ही फिर हम आगे पहुंचे तो एक कट के पास कार आई और उसने हमें हमें टक्कर मार दी. मैं स्कूटी की बगल में ही गिर गई. जबकि, अंजलि गाड़ी के नीचे फंस गई. अंजलि तब काफी चीखी और रोने भी लगी. लेकिन पांव गाड़ी में फंसा होने के कारण वह उठ नहीं पाई. न ही उन गाड़ी वालों ने कार रोकी. वे सीधा उसे घसीटते हुए आगे ले गए. मैं उस समय काफी घबरा गई थी. इसलिए मैं वहां से पैदल ही सीधे घर चली गई. क्योंकि मेरा घर वहां से काफी नजदीक था. वहां मैंने अपनी मां और नानी को पूरी घटना बताई.''

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लड़कों ने जानबूझकर कार नहीं रोकी
निधि ने बताया कि लड़कों ने जानबूझ कर लड़की को कार से घसीटा. उन्हें पता था कि लड़की गाड़ी में फंसी है. फिर भी उन्होंने गाड़ी नहीं रोकी. मैं इस हादसे से इतना घबरा गई थी कि मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था कि क्या करना है और क्या नहीं. फिर जब दो दिन बाद पुलिस मुझ तक पहुंची तो मैंने उन्हें पूरी घटना बता दी.

कार के अंदर नहीं देख पाई
अंजलि की दोस्त ने बताया कि इस घटना में उसे भी चोट आई है. आंख और पैर पर उसे चोट आई है. जबकि, उसका हाथ भी इस हादसे में फ्रैक्चर हुआ है. निधि ने कहा कि अंजलि भी बच जाती अब गाड़ी वाले कार को रोक देते. लेकिन उन्होंने जान बूझकर कार नहीं रोकी. निधि ने बताया कि वे लोग उन लड़कों को नहीं जानतीं थी. न ही उसने उन्हें देखा. क्योंकि उस समय कार में काला शीशा लगा हुआ था.

इसलिए अंजलि के घर पर नहीं बताया
निधि से पूछा गया कि आपने अंजलि के परिवार को उस समय ये सब क्यों नहीं बताया? तो उसने कहा कि अगर मैं इस घटना के बारे में अंजलि के घर पर बताती तो वो लोग मुझपर ही इल्जाम लगाते. इसलिए मैं चुप रही. निधि ने बताया कि अंजलि उसकी अच्छी दोस्त थी. वह भी यही चाहती है कि अपराधियों को इस हरकत के लिए कड़ी से कड़ी सजा मिले.

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