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दिल्ली असेंबली के बाद अब MCD में भी AAP की होगी हार? BJP ने तेज की 'ट्रिपल इंजन' सरकार की कवायद

दिल्ली नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष व पूर्व महापौर सरदार राजा इकबाल सिंह ने मेयर महेश कुमार से नैतिकता के आधार पर इस्तीफा मांगा है. उन्होंने कहा कि विधानसभा में जनमत खो चुकी आम आदमी पार्टी अब नगर निगम सदन में भी विश्वासमत खो चुकी है. भाजपा के पार्षदों की संख्या 116 हो गई है. साथ ही अब AAP के पास पार्षदों की संख्या 113 ही बची है.

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आम आदमी पार्टी के तीन पार्षद बीजेपी में शामिल हुए. (Photo: X/@BJP4India)
आम आदमी पार्टी के तीन पार्षद बीजेपी में शामिल हुए. (Photo: X/@BJP4India)

छत्तीसगढ़ स्थानीय निकाय चुनाव में बीजेपी की बंपर जीत के बीच दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) शासित नगर निगम में पालाबदल जोरों पर है. शनिवार को एंड्रयूज गंज से निगम पार्षद अनीता बसोया, आरके पुरम से निगम पार्षद धर्मवीर और चपराना वार्ड से निगम पार्षद निखिल के बीजेपी में शामिल होने से आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा. दिल्ली नगर निगम के सदन में बीजेपी और AAP के बीच सिर्फ 3 पार्षदों का अंतर रह गया है. अप्रैल में होने वाले मेयर चुनाव से पहले एमसीडी हाउस में बीजेपी बहुमत के बहुत करीब पहुंच गई है.
 
दिल्ली में ट्रिपल इंजन सरकार के बेहद करीब बीजेपी

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दिल्ली नगर निगम के कुल 250 पार्षदों में से 11 पार्षद विधायक और सांसद बन गए, लिहाजा पार्षदों की संख्या घटकर 239 हो गई. इनमें से 119 आम आदमी पार्टी और 113 बीजेपी और 7 कांग्रेस पार्टी के पार्षद हैं. तीन और पार्षदों के आम आदमी पार्टी से निकल जाने की वजह से उसका नंबर कम होकर 116 हो गया है. यानी बीजेपी और AAP में अब सिर्फ तीन पार्षदों का अंतर बचा है.

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बीजेपी ने AAP के मेयर का इस्तीफा मांगा 

दिल्ली नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष व पूर्व महापौर सरदार राजा इकबाल सिंह ने मेयर महेश कुमार से नैतिकता के आधार पर इस्तीफा मांगा है. उन्होंने कहा कि विधानसभा में जनमत खो चुकी आम आदमी पार्टी अब नगर निगम सदन में भी विश्वासमत खो चुकी है. भाजपा के पार्षदों की संख्या 116 हो गई है. साथ ही अब AAP के पास पार्षदों की संख्या 113 ही बची है. ऐसे में सदन में संख्याबल न होने पर महापौर को अपने पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है. वह नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दें.

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एमसीडी सदन में विपक्ष के नेता सरदार राजा इकबाल सिंह ने कहा, 'भाजपा जनहित के मुद्दों को उठाना जारी रखेगी. साथ ही अब AAP का संख्याबल निगम में कम हो गया है तो उसकी मनमर्जी नहीं चल सकेगी. AAP के महापौर ने अड़ियल रवैया दिखाते हुए अपने विवेकाधिकार फंड को 500 करोड़ तक कर दिया था और उद्यान से लेकर सड़क और पार्कों की मरम्मत के लिए विभिन्न मदों में होने वाला फंड शून्य कर दिया था. इस कारण विकास कार्य ठप हो गए थे. दिल्ली नगर निगम में जब भी भाजपा को सेवा का मौका मिलेगा, हम AAP सरकार द्वारा रोके गए सभी कार्यों को पूरा करेंगे. दिल्ली में आने वाले दिनों में ट्रिपल इंजन सरकार होगी. दिल्ली का तेज गति से विकास होगा.'

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MCD में लागू नहीं होता दल-बदल कानून

निगम के मामलों के जानकार जगदीश ममगांई का कहना है दिल्ली नगर निगम में दल-बदल कानून लागू नहीं होता है. एमसीडी में 12 वार्ड कमेटियों में 7 पर बीजेपी का कब्जा है. आम आदमी के पार्षदों को यह भी लग रहा है कि जब दिल्ली में बीजेपी की सरकार होगी तो सारे विकास कार्य वही कराएगी. ऐसे में 2027 में होने वाला दिल्ली नगर निगम चुनाव उनके लिए राजनीतिक रूप से हानिकारक होगा. 1985 में बनने वाले इस कानून में निर्वाचित लोकसभा या विधानसभा सदस्यों द्वारा पार्टी छोड़ने या पार्टी व्हिप का उल्लंघन करने पर उनकी सदस्यता रद्द हो जाती है.
 

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