सुप्रीम कोर्ट के हाल ही में रिटायर्ड जज के खिलाफ यौन शोषण के आरोपों के विवाद के बीच अब एक और महिला इंटर्न ने इसी तरह के आरोप लगाते हुए कहा है कि उन्होंने उसके साथ र्दुव्यवहार किया था.
वेबसाइट लीगली इंडिया के अनुसार इस इंटर्न ने 11 नवंबर को अपना दर्द अपने नाम से एक सोशल साइट पर लिखा था, लेकिन अब इन टिप्पणियों को इससे हटा दिया गया है. लीगली इंडिया वेबसाइट ने ही सबसे पहले इसी जज के खिलाफ एक अन्य इंटर्न के आरोपों को प्रसारित किया था.
इस वेबसाइट ने एक चर्चा में कहा कि यह महिला भी कोलकाता में प्रमुख लॉ स्कूल एनयूजेएस की छात्रा थी और उसने फेसबुक पर अपना दर्द लिखते हुए कहा था कि एक से अधिक बार उसे अनपेक्षित यौन पहल का सामना करना पड़ा है.
वेबसाइट ने इस युवती के हवाले से कहा है, ‘लेकिन, अकेले पिछले साल ही मैं यौन शोषण की तीन अलग-अलग घटनाओं के बारे में जानती हूं. अक्सर अपने बॉस या ऐसी स्थिति में होने वाले किसी व्यक्ति के कारण युवती इस दौर से गुजरती हैं... उसने यह भी कहा कि जब उसने शीर्ष अदालत के तत्कालीन पीठासीन जज से इंटर्न के आरोप के बारे में जानना चाहा, जिसके आरोप पर शीर्ष अदालत ने तीन जजों की जांच समिति गठित की है तो उसने भविष्य में किसी अन्य महिला से र्दुव्यवहार नहीं करने का वायदा किया था.'
एक अनाम रिटायर्ड जज के खिलाफ पहली बार यौन शोषण के सनसनीखेज आरोप एक महिला इंटर्न ने 6 नवंबर को अपने ब्लॉग पर लगाए थे. इसमें इस महिला ने आरोप लगाया था कि पिछले दिसंबर को होटल के कमरे में जज ने उस समय उससे र्दुव्यवहार किया जब पूरा दिल्ली गैंगरेप की घटना से जूझ रहा था.
इस आरोप का शीर्ष अदालत में चीफ जस्टिस के समक्ष उल्लेख किया गया. इसके तुरंत बाद ही चीफ जस्टिस पी सदाशिवम ने न्यायमूर्ति आर एम लोढा, न्यायमूर्ति एच एल दत्तू और न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई की तीन सदस्यीय जांच समिति गठित कर दी. इस समिति ने आरोप लगाने वाली महिला से अपना बयान दर्ज कराने का अनुरोध किया है.