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जिस RTI के सहारे खुद को बचा रहे थे तोमर, वह भी निकली फर्जी

फर्जी डिग्री के मामले में फंसे दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री जितेन्द्र सिंह तोमर के एक के बाद एक झूठ पकड़े जा रहे हैं. उनके एक और झूठ का गुरुवार को पर्दाफाश हो गया.

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Jitendra Singh Tomar
Jitendra Singh Tomar

फर्जी डिग्री के मामले में फंसे दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री जितेन्द्र सिंह तोमर के एक के बाद एक झूठ पकड़े जा रहे हैं. उनके एक और झूठे दावे का गुरुवार को पर्दाफाश हो गया. आम आदमी पार्टी (AAP) अयोध्या की साकेत यूनिवर्सिटी के जिस कथित शपथ पत्र का हवाला देकर उन्हें बचाने की कोशिश कर रही थी, वह कभी जारी ही नहीं किया गया.

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दरअसल गिरफ्तारी से काफी पहले जब तोमर की बीएससी की डिग्री पर सवाल खड़े हुए थे तो आम आदमी पार्टी की ओर से बचाव में एक शपथपत्र का दावा किया गया था. कहा गया था कि साकेत यूनिवर्सिटी ने एक आरटीआई के जवाब में यह शपथपत्र दिया है और इसमें तोमर की डिग्री को क्लीन चिट दी गई है. लेकिन जब दिल्ली पुलिस अयोध्या की साकेत यूनिवर्सिटी पहुंची तो पता चला कि यूनिवर्सिटी ने कभी तोमर को क्लीन चिट देने वाला कोई शपथ पत्र जारी नहीं किया गया.

गौरतलब है कि दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया भी इसी 'फर्जी' शपथ पत्र की दुहाई देते हुए तोमर को बचाने में जुटे थे और इसी फर्जी आरटीआई के जबाब और शपथ पत्र के जरिये कोर्ट से भी राहत पाने की कोशिश की जा रही थी. दिल्ली पुलिस के दूसरे दिन की जांच इसी फर्जी शपथ पत्र और कथित आरटीआई पर केंद्रित रही. यूनिवर्सिटी ने साफ कर दिया है कि किसी आरटीआई के जवाब में तोमर को क्लीन चिट नहीं दी गई. मार्कशीट और सर्टिफिकेट की तरह उस पर भी यूनिवर्सिटी के प्रिंसिपल के हस्ताक्षर नहीं हैं.

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साकेत यूनिवर्सिटी के प्रॉक्टर प्रदीप कुमार सिंह ने बताया, 'दिल्ली पुलिस की आज की जांच तोमर की ओर से पेश की गई फर्जी आरटीआई पर केंद्रित थी जिसमें पूछा गया था कि जितेन्द्र सिंह तोमर रेगुलर छात्र थे या नहीं और उन्होंने बीएसी पास की थी या नहीं. इसका जबाब फर्जी तरीके से कालेज की ओर से दिखाया गया है. ऐसी न तो कोई आरटीआई आई थी और न ही यूनिवर्सिटी की ओर से कोई जवाब दिया गया. दिल्ली पुलिस ने लोगों के बयान भी दर्ज किए हैं.'

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