दिल्ली सरकार के 'एंटी स्मॉग गन' पर दिल्ली का प्रदूषण भारी पड़ रहा है. दिल्ली सरकार ने इस एंटी स्मॉग गन का इस्तेमाल ट्रायल बेसिस पर किया था. पर्यावरण मंत्री इमरान हुसैन ने इस गन के लांच के मौके पर कहा था कि आनंद विहार पर की गई कृत्रिम बारिश के बाद ये आकलन किया जाएगा कि ये मशीन कितनी प्रभावी है?
अगर इस मशीन के इस्तेमाल से आबो-हवा में सुधार हुआ तो दिल्ली के दूसरे प्रदूषित इलाकों के लिए भी ऐसे एंटी स्मॉग गन मंगाए जाएंगे. अब सवाल ये है कि क्या दिल्ली सरकार का प्रदूषण से लड़ने का ये प्लान फ्लॉप हो गया? क्योंकि बुधवार को दिल्ली सरकार ने प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए 'एन्टी स्मॉग गन' से आनंद विहार इलाके में 'एन्टी कृत्रिम बारिश करवाई थी, लेकिन इस कृत्रिम बारिश के बावजूद गुरुवार को इस इलाके में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है.
सुबह 6 बजे आनंद विहार में PM 2.5 का स्तर 500 के पार था, तो वहीं सुबह 11 बजे PM 2.5 का स्तर 580 माइक्रोग्राम तक पहुंच गया. यानी की सामान्य से 8 गुना ज्यादा. वायु की गुणवत्ता के लिहाज से आनंद विहार की अबोहवा आपातकालीन स्तर पर है.
अगर PM 10 की बात करें तो आनंद विहार में सुबह 11 बजे PM 10 का स्तर 724 माइक्रोग्राम तक पहुंच गया. मलतब बुधवार को करीब शाम 6 बजे तक लगातार कृत्रिम बारिश के बावजूद आनंद विहार इलाके की हवा में फैले प्रदूषित कणों ने दिल्ली सरकार के प्लान को फ्लॉप कर दिया. इसका नतीजा ये हुआ गुरुवार को आनंद विहार के आसमान में सुबह के वक्त घना कोहरा और स्मॉग नजर आया.
सिर्फ आनंद विहार ही नहीं, बल्कि दिल्ली के दूसरे इलाकों की हवा में भी प्रदूषण खतरनाक स्तर तक पहुंच गया. दिल्ली में PM 2.5 का औसतन स्तर 342 माइक्रोग्राम दर्ज किया गया. वहीं PM 10 का औसतन स्तर 516 रहा.
DTU के मॉनिटरिंग स्टेशन पर PM 2.5 का स्तर 472 माइक्रोग्राम दर्ज किया गया. ITO पर PM 2.5 का स्तर 436 माइक्रोग्राम, लोधी रोड पर 423 माइक्रोग्राम, मथुरा रोड पर 410 माइक्रोग्राम मंदिर मार्ग पर 372 माइक्रोग्राम और आर. के पूरम पर 332 माइक्रोग्राम रहा. यानी कि सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के 17 मॉनिटरिंग स्टेशन में से 7 स्टेशनों पर दिल्ली की आबो-हवा इमरजेंसी कैटेगरी में है. वहीं कई ऐसे इलाके हैं, जहां दिल्ली की हवा कि गुणवत्ता बेहद गंभीर स्तर पर है. स्वास्थ्य के लिहाज से एक बार फिर दिल्ली की हवा में सांस लेना खतरनाक है.