दिल्ली के शाहीन बाग में जारी प्रदर्शन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई. अमित साहनी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर मांग की है कि शाहीनबाग के रास्ते को खाली कराया जाए. मंगलवार को याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया कि वह शाहीन बाग-कालिंदी कुंज रोड पर जारी विरोध प्रदर्शन के आयोजकों, राजनीतिक नेताओं और समर्थकों की गतिविधियों पर नजर रखे.
शीर्ष अदालत ने पुलिस से कहा कि ऐसे व्यक्तियों के भाषणों पर विशेष रूप से नजर रखी जाए जो लोगों को उकसा रहे हों. बता दें, नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ शाहीन बाग में 40 दिन से ज्यादा समय से प्रदर्शन जारी है. प्रदर्शन के कारण दिल्ली से नोएडा को जोड़ने वाला रास्ता भी बंद है, जिसके कारण लोगों को दफ्तर जाने में दिक्कत का सामना करना पड़ा रहा है.
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इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट में सीएए को लेकर सोमवार को छह और याचिकाएं दाखिल की गईं. इसमें से एक याचिका असम जन मोर्चा, एआईयूडीएफ की ओर से दाखिल की गई है. इन याचिकाओं के जरिए सीएए के अधीनस्थ कानूनों जैसे पासपोर्ट अधिनियम और अन्य नियमों पर स्टे लगाने की मांग की गई है. हालांकि, चीफ जस्टिस एसए बोवड़े ने स्टे से इनकार करते हुए बाकी मामलों की तरह इन याचिकाओं पर भी पांचवें हफ्ते में सुनवाई की तारीख तय की है.
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शाहीन बाग में तकरीबन 40 दिन से महिलाएं सीएए का विरोध कर रही हैं. हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी डटे हैं, जिसकी वजह से दिल्ली-नोएडा का रास्ता बंद है. इसी कारण लोगों को काफी परेशानी भी हो रही है. हजारों की संख्या में बैठे प्रदर्शनकारियों में अधिकतर महिलाएं हैं. सीएए, एनआरसी के खिलाफ ये कैंपेन 15 दिसंबर को शुरू हुआ था और तभी से 24 घंटे ये प्रदर्शन जारी है. सड़क पर जारी इस संग्राम के खिलाफ अदालत तक आवाज पहुंच चुकी है. इस प्रदर्शन के कारण दिल्ली से नोएडा का रास्ता बंद है, जिसको लेकर कई स्थानीय नागरिकों ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. अदालत ने दिल्ली पुलिस को उचित एक्शन लेने के लिए कहा था, लेकिन प्रदर्शनकारी नहीं माने.