भारतीय सेना अपनी कई पुराने रिवाजों को बंद करने जा रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशों के बाद भारतीय सेना अंग्रेजों के जमाने की कई्र प्रथाओं जैसे कार्यक्रमों में घोड़े से चलने वाली बग्घियों का इस्तेमाल करना, सेवानिवृत्ति पर पुलिंग आउट सेरेमनी और डिनर के दौरान पाइपर्स का उपयोग खत्म करने जा रही है. इस संबंध में भारतीय सेना ने अपनी यूनिट्स को आदेश जारी कर दिया है.
आदेश में कहा गया कि औपचारिक कार्यों के लिए यूनिट्स या संरचनाओं में बग्घियों का उपयोग बंद कर दिया जाएगा और इन कार्यों के लिए जिन घोड़ों का इस्तेमाल होता है, उन्हें अब ट्रेनिंग के लिए उपलब्ध कराया जाएगा.
पुलिंग आउट समारोह में कमांडिंग ऑफिसर या एक वरिष्ठ अधिकारी के वाहन को यूनिट में अफसर और सैनिक उनकी पोस्टिंग या सेवानिवृत्ति पर खींचते हैं. सेना के अधिकारी ने कहा कि यह प्रथा बहुत व्यापक रूप से नहीं देखी गई क्योंकि जब अधिकारी सेवानिवृत्त होते हैं या दिल्ली से बाहर तैनात होते हैं, तो उनके वाहनों को नहीं खींचा जाता है.
अधिकारियों ने कहा कि पाइप बैंड भी केवल कुछ पैदल सेना इकाइयों में शामिल हैं और डिनर के दौरान उनका उपयोग बहुत सीमित है क्योंकि बहुत ज्यादा यूनिट्स के पास पाइप बैंड नहीं हैं.