जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अधिवेशन के आखिरी दिन एक बयान देकर मौलाना अरशद मदनी मुसीबत में फंस गए हैं. उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की जा रही है. इसी क्रम में उनके खिलाफ दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई. ये शिकायत हिंदू सेना के विष्णु गुप्ता ने दर्ज कराई है. इतना ही नहीं मदनी के बयान के खिलाफ यूनाइटेड हिंदू फ्रंट (UHF) ने जंतर-मंतर में विरोध प्रदर्शन भी किया और गिरफ्तारी की मांग की.
दिल्ली पुलिस कमिश्नर को भेजे पत्र में हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने कहा कि जमीयत उलेमा-ए-हिंद के मंच पर जमीयत के वरिष्ठ नेता अरशद मदनी और प्रमुख महमूद मदनी के बयान से विवाद खड़ा हो गया है. चाचा-भतीजे के संबोधन से न सिर्फ विवाद हुआ है बल्कि धार्मिक फसाद पैदा हुआ है. उनके बयानों ने हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचा है. इसको देखते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए.
गौरतलब है कि दारुल उलूम देवबंद के प्रमुख और जमीयत के धर्मगुरु मौलाना अरशद मदनी ने कहा था कि ओम और अल्लाह एक ही हैं. इस बयान पर हिंदू संगठनों के विरोध के साथ ही जैन धर्मगुरु लोकेश मुनि भड़क उठे हैं. उन्होंने कहा कि वो अपनी आंखों के सामने अपने धर्म, संस्कृति का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकते.
जैन धर्मगुरु ने कहा कि मदनी साहब के वक्तव्य से हम सहमत नहीं हैं. अगर जोड़ने की बात करनी तो करें, लेकिन जितनी भी कहानी उन्होंने सुनाई, उससे 4 गुना ज्यादा कहानी मैं सुना सकता हूं. जैन मुनि ने मंच से कहा, "मैं मदनी साहब को शास्त्रार्थ की चुनौती देता हूं. आप दिल्ली आइए या फिर आप मुझे सहारनपुर बुलाएंगे. मैं वहां भी शास्त्रार्थ के लिए आउंगा."
जैन मुनि ने कहा कि मदनी साहब ने जो बात कही है, उससे सभी धर्मों के कोई भी संत सहमत नहीं हैं. हम सिर्फ इस बात पर सहमत हैं कि सभी लोग आपस में मिलजुकर रहें, मोहब्बत से रहें. लेकिन जो भी कहानी सुनाई गई. ये सब फालतू है. इस बात ने सद्भावना के सम्मेलन में पलीता लगा दिया.
उधर, अरशद मदनी का कहना है कि बहुत सी बातें हम ऐसी कहते हैं, जो दूसरे को अच्छी नहीं लगती हैं या वह लोग कोई बातें कहते हैं, जो हमें अच्छी नहीं लगतीं. ऐसे में हमें एक-दूसरे की बात सुननी चाहिए. हम ओम को मानते हैं. अल्लाह को मानते हैं. मनु को मानते हैं, आदम को मानते हैं और अगर वह नहीं मानते, तो उनका मसला है.
अरशद मदनी ने कहा कि हमने उनके मजहब पर कोई टिप्पणी नहीं की. अगर कोई हमें गाली दे, तो हम जवाब नहीं देते हैं. वह अगर अल्लाह को नहीं मानते तो ना मानें, लेकिन हम मानते हैं. उन्होंने कहा कि मां-बाप ने पैदा किया है, लेकिन अल्लाह ने चाहा है तभी पैदा किया है. यह हमारा अकीदा है. दुनिया की ज्यादातर आबादी मानती है.
अरशद मदनी ने कहा कि हो सकता है कि उनकी आस्था पर चोट पहुंची हो, लेकिन ऐसा नहीं हो सकता कि कोई इंसान अल्लाह या ओम को ना मानता हो. अगर उन्हें बात अच्छी नहीं लगी, तो उन्हें बैठना चाहिए था और कहते कि वह ओम या अल्लाह को नहीं मानते.
मदनी ने कहा कि इन सब बातों से हमारे रिश्ते खराब नहीं होने चाहिए. इसमें कोई नाराजगी की बात नहीं थी. जिन लोगों ने हमारी बातें पसंद की हैं, उनकी संख्या कहीं ज्यादा है. अगर आप हिंदू धर्म पढ़ेंगे, तो पता चलेगा कि ओम किसे कहते हैं. हम उसे अल्लाह कहते हैं. उसने मनु को जमीन पर उतारा था, जिसके बाद उनकी नस्ल चली जिसमें मुनि जी भी हैं.