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दिल्ली में घमासान के बीच जेटली और आशुतोष में वार-पलटवार

दिल्ली में कार्यकारी मुख्य सचिव की नियुक्ति को लेकर एलजी नजीब जंग और सीएम अ‍रविंद केजरीवाल में युद्ध जैसी स्थिति बन गई है. इस बीच केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 'आप' सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि शासन कभी आम आदमी पार्टी के एजेंडे में ही नहीं थी. जबकि पलटवार करते हुए AAP नेता आशुतोष ने कहा कि जेटली को वित्त मंत्री बनाने का खामियाजा देश भुगत रहा है.

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वित्त मंत्री अरुण जेटली (फाइल फोटो)
वित्त मंत्री अरुण जेटली (फाइल फोटो)

दिल्ली में कार्यकारी मुख्य सचिव की नियुक्ति को लेकर एलजी नजीब जंग और सीएम अ‍रविंद केजरीवाल में युद्ध जैसी स्थिति बन गई है. इस बीच केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 'आप' सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि शासन कभी आम आदमी पार्टी के एजेंडे में ही नहीं थी. जबकि पलटवार करते हुए AAP नेता आशुतोष ने कहा कि जेटली को वित्त मंत्री बनाने का खामियाजा देश भुगत रहा है.

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दिल्ली के उथल-पुथल पर टिप्पणी करते हुए जेटली ने कहा, 'विधानसभा चुनाव में मिले ऐतिहासिक जनादेश के मद्देनजर आप सरकार को दिल्ली की जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझना चाहिए. जनता ने चुनाव में नई पार्टी के साथ प्रयोग किया, लेकिन यह बेहद महंगा प्रयोग है क्योंकि शासन उनके राजनैतिक एजेंडा में नहीं है.' वित्त मंत्री दिल्ली बीजेपी की कार्यकारिणी समिति की बैठक को संबोधित कर रहे थे.

AAP का पलटवार
जेटली के बयान के ठीक बाद 'आप' की ओर से वरिष्ठ नेता आशुतोष ने पलटवार किया. उन्होंने कहा, 'जो व्यक्ति अमृतसर में बुरी तरह हार गया था, उसे दिल्ली के बारे में चिंतित नहीं होना चाहिए क्योंकि वे नगर-राज्य को नहीं समझेंगे.' जेटली के अमृतसर में कांग्रेस के कैप्टन अमरिंदर सिंह से हार जाने का उल्लेख करते हुए आशुतोष ने कहा, 'देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उन्हें वित्त मंत्री बनाए जाने के प्रयोग से पीड़ित है, जो अमृतसर में बुरी तरह चुनाव हार गए थे.' आशुतोष ने कहा कि बीजेपी दिल्ली को समझने में विफल रही है और आने वाले वर्षों में यह राष्ट्रीय राजधानी से गायब हो जाएगी.

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और क्या कहा था जेटली ने
'आप' सरकार से संबंधित विभिन्न विवादों का उल्लेख करते हुए जेटली ने कहा कि दिल्ली के लोग शासन चाहते हैं और सत्तारूढ़ सरकार को इसे अवश्य समझना चाहिए. उन्होंने कहा, 'विगत कुछ महीने में दिल्ली में जो कुछ भी हो रहा है ऐसा लगता है कि आने वाले दिन दुखदायी होंगे. दिल्ली को वैश्विक शहर में तब्दील किया जा सकता था, क्योंकि इसमें व्यापार और पर्यटन के लिए काफी अवसर हैं.

-इनपुट भाषा से

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