वित्त मंत्री अरुण जेटली की तरफ से दायर किये गए आपराधिक मानहानि के मामले में आम आदमी पार्टी नेता दीपक वाजपेयी की याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है. दीपक ने आपराधिक मानहानि के मामले में पटियाला हाउस कोर्ट के उस आदेश को हाइकोर्ट में चुनौती दी थी, जिसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत पांच आप नेताओं को बतौर आरोपी समन भेजा गया था.
हाइकोर्ट ने अपना फैसल सुनाते हुए कहा कि याचिकाकर्ता ने याचिका दायर करने में की गई 458 दिन की देरी का कोई भी ठोस कारण कोर्ट मे पेश नहीं कर पाए.
मामले की सुनवाई के दौरान जेटली के वकीलों ने इस मामले में कहा था कि AAP नेता दीपक बाजपेई ने निचली अदालत में मामले की सुनवाई में देरी करने के लिए ही हाइकोर्ट मे याचिका दायर की है. याचिका उनके खिलाफ समन जारी होने के डेढ़ साल बाद क्यों दायर की गई. अब तक दीपक कहां थे. कोर्ट ने याचिका में देरी का कारण स्पष्ट नहीं बताने को ही मुख्य आधार बनाते हुए आप नेता की याचिका को रद्द कर दिया.
मामले मे ज़िरह के दौरान दीपक बाजपेई के वकील का तर्क था कि वह दिल्ली में रहते ही नहीं हैं. ऐसे में फिर वो पटियाला हाउस कोर्ट के न्यायिक क्षेत्र में कैसे आ सकते हैं. अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि जेटली ने डीडीसीए का अध्यक्ष रहते हुए अपने पद का दुरुपयोग किया और फिरोजशाह कोटला मैदान को बनाने में बड़े पैमाने पर धांधली की गई. जेटली ने इन आरोपों के बाद ही मुख्यमंत्री और 5 और AAP नेताओं के खिलाफ पटियाला हाउस कोर्ट में आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज कराया था. पटियाला हाउस कोर्ट ने मामले में मुख्यमंत्री समेत दीपक बाजपाई, कुमार विश्वास, आशुतोष, संजय सिंह, राघव चड्ढा को बतौर आरोपी पेश होने का समन जारी किया था.