वित्तमंत्री अरुण जेटली आज लोकसभा में दिल्ली का आम बजट पेश करने जा रहे हैं. जेटली राजधानी में बिजली पर 30 फीसदी सब्सिडी का प्रस्ताव रख सकते हैं.
बीजेपी ने अपने मेनिफेस्टों में दिल्लीवालों को बड़े-बड़े सपने दिखाए थे. दिल्ली में बीजेपी की सरकार तो नहीं बन पाई, लेकिन दिल्ली का बजट उन्हीं के नेता पेश कर रहे हैं. दिल्ली में सरकार बनाने की दौड़ में बीजेपी सबसे आगे दिख रही है. जाहिर है, इसका असर दिल्ली के बजट पर भी दिखेगा. संभव है कि वित्तमंत्री फिलहाल दिल्लीवालों को कोई 'कड़वी दवा' देने से परहेज करें.
बजट से ठीक पहले बीजेपी के मुख्यमंत्री पद के दावेदार जगदीश मुखी ने अरुण जेटली से मुलाकात के बाद दावा किया कि बजट के बाद दिल्लीवालों के 'अच्छे दिन' आएंगे. बिजली की कीमतें कम होंगी. बजट में बिजली पर 30 फीसदी सब्सिडी का प्रावधान होगा.
वित्तमंत्री ने आम बजट में भी दिल्ली पर दरियादिली दिखाई थी. बिजली-पानी की व्यवस्था को चाक-चौबंद करने के लिए उन्होंने 700 करोड़ रुपये आवंटित किए थे. उम्मीद है कि इस बजट में दिल्ली के लिए बहुत-कुछ होगा. कई योजनाओं का ऐलान होगा. संभव है वित्तमंत्री सस्ते घरों और परिवहन पर अपनी मेहरबानी दिखाए.
तब उड़ जाती दिल्लीवालों की नींद...
बजट से ठीक पहले दिल्लीवालों की नींद उड़ाने का पूरा प्लान तैयार कर लिया गया था. दिल्ली के ट्रेड और टैक्स विभाग ने राज्य की वित्तीय हालत सुधारने के लिए वैट बढ़ाने की योजना तैयार की थी. इसके दायरे में डीजल, सीएनजी, चीनी और एनर्जी ड्रिक्स थे. सूत्रों की मानें, तो सीएनजी पर 5 फीसदी वैट लगाने का प्रस्ताव था, जबकि डीजल और एनर्जी ड्रिंक्स पर अभी लगने वाले साढ़े बारह फीसदी वैट को बढ़ाकर बीस फीसदी करने का प्रस्ताव था. चीनी जैसे खाने-पीने की पैक आइटम पर भी पांच फीसदी वैट थोपने की मंशा थी. इससे दिल्ली के खजाने में करीब डेढ़ हजार करोड़ जमा होते.
बाद में उपराज्यपाल नजीब जंग ने ऐसे कड़े फैसले आने वाली चुनी सरकार के लिए छोड़ दिया.